227 फिलिस्तीनी और 11 इजरायली मारे जाने के बाद 12वें दिन 'अमन' को राजी हुए देश, US के दबाव में झुके नेतन्याहू

Published : May 21, 2021, 08:05 AM ISTUpdated : May 21, 2021, 05:55 PM IST
227 फिलिस्तीनी और 11 इजरायली मारे जाने के बाद 12वें दिन 'अमन' को राजी हुए देश, US के दबाव में झुके नेतन्याहू

सार

इजरायल और फिलिस्तीन; खासकर हमास के बीच 11 दिनों से चले आ रहे खूनी संघर्ष के थमने की उम्मीद जागी है। इजरायल ने गाजा पट्टी मे अपना सैन्य अभियान रोकने की मंजूरी दे दी है। यह सीजफायर शुक्रवार से प्रभावी हो जाएगा। माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव में यह फैसला किया गया है। अमेरिका पर मुस्लिम देश इसके लिए दबाव बना रहे थे। इस संघर्ष में 227 फिलिस्तीन और 11 इजरायली मारे गए।

 

तेल अवीव, इजरायल. इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिनों से चला आ रहा खूनी संघर्ष 12वें दिन थम जाएगा। इजरायल ने गाजा पट्टी मे अपना सैन्य अभियान रोकने की मंजूरी दे दी है। यह सीजफायर शुक्रवार से प्रभावी हो जाएगा। माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव में यह फैसला किया गया है। अमेरिका पर मुस्लिम देश इसके लिए दबाव बना रहे थे। बता दें कि इस संघर्ष में 64 बच्चों और 38 महिलाओं सहित फिलिस्तीन से 227 लोग मारे गए। वहीं, 1620 लोग घायल हुए हैं। इजरायल में 11 लोग मारे गए। हमास और इस्लामिक जिहाद अपने 20 लड़ाकों के मारे जाने की पुष्टि करता है, लेकिन इजरायल यह संख्या 130 बताता है। इस संघर्ष में गाजा पट्टी बर्बाद गई है। 58000 से अधिक फिलिस्तीनी घर छोड़कर जाने को मजबूर हुए हैं।

इजरायली मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने एकतरफा संघर्ष विराम को मंजूरी दी है। हमास के एक अधिकारी ने इस सीजफायर की पुष्टि की। यह सीजफायर शुक्रवार से प्रभावी हो जाएगा। इजरायली कैबिनेट ने भी इसकी पुष्टि की है। इस बीच इजरायल डिफेंस फोर्स(IDF) ने ट्वीट करके बताया कि गाजा से दक्षिणी इस्राइल पर और रॉकेट दागे गए। गाजा में आतंकवादियों द्वारा पिछले सोमवार से इजरायल पर 4,340 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं।

बाइडेन पर बन रहा था सीजफायर कराने का दबाव
बुधवार को नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय का दौरा करने के बाद अमेरिकी सहयोग को धन्यवाद कहा था। साथ ही यह भी कहा था कि इजरायल के लोगों को शांति और सुरक्षा वापस दिलाने के मकसद से देश यह अभियान जारी रखेगा। हालांकि इससे पहले बाइडेन ने संघर्ष को रोकने की अपील की थी।  सीजफायर के संबंध में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलिफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू को संघर्ष विराम करने को कहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका पर राजनीति दबाव था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इजरायल ने किया था वॉकआउट
गुरुवार को जब संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे पर बैठक हो रही थी और फिलिस्तीन के प्रतिनिधि ने बोलना शुरू किया, तो इजरायल के राजदूत गिलैड अर्दान वहां से चले गए थे। उनका कहना था कि यह लड़ाई इजरायल और फिलिस्तीन के बीच नहीं, बल्कि आतंकी संगठन हमास से है। इसके साथ ही राजदूत ने यह भी जोड़ा कि इजरायल ने संघर्ष रोकने के लिए हमेशा प्रयास किए, लेकिन हमास हिंसा भड़काता रहा। इजरायल ने दो टूक कहा था कि वो मरहम पट्टी नहीं करना चाहता, बल्कि आतंकियों की मशीन को ही खत्म करना चाहता है।

ऐसे शुरू हुआ था झगड़ा
3 अप्रैल को इजराइली पुलिस यरूशलम की पवित्र अल अक्सा मस्जिद में घुसी थी। आरोप है कि यहां उसने लोगों से मारपीट की। उस दिन रमजान माह का पहला दिन था। चूंकि इसी दिन इजराइल का मेमोरियल डे भी था। यह दिन इजरायल की स्थापना में अपना बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में मनाया जाता है। इस घटना के अगले दिन हमास ने गाजा से इजरायल पर रॉकेट दागे थे। इजरायल और कुछ देश हमास को आतंकवादी संगठन मानते हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। 

photo credit: REUTERS/ASHRAF ABU AMRAH

 

 pic.twitter.com/oSXDZTVZlW

 

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

H-1B वीज़ा पर अपने ही घर में घिरे ट्रंप-20 राज्यों ने बताया खतरनाक-खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
पुतिन की मीटिंग में जबरन घुसे पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ, VIDEO वायरल, जानिए क्यों?