भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ इराक में भी श्रीलंका की तर्ज पर विद्रोह, हजारों लोगों ने संसद पर कब्जा किया

श्रीलंका में हुई बगावत की तर्ज पर इराक में भी जबर्दस्त विद्रोह हुआ है। बगदाद में प्रधानमंत्री पद के दावेदार मोहम्मद अल सुदानी के नामांकन के विरोध में हजारों इराकियों ने संसद भवन पर कब्जा कर लिया। ये मौलवी मुक्तदा अल-सदर के समर्थक हैं। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ भी की।
 

Amitabh Budholiya | Published : Jul 28, 2022 2:10 AM IST / Updated: Jul 28 2022, 07:58 AM IST

बगदाद. आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका(Economic Crisis)  में हजारों प्रदर्शनकारियों ने संसद से लेकर सभी प्रमुख सरकारी दफ्तरों पर कब्जा कर लिया था। अब ठीक ऐसी ही स्थिति राजनीति संकट से जूझ रहे इराक में सामने आई है। श्रीलंका में हुई बगावत की तर्ज पर इराक में भी जबर्दस्त विद्रोह हुआ है। बगदाद में प्रधानमंत्री पद के दावेदार मोहम्मद अल सुदानी के नामांकन के विरोध में हजारों इराकियों ने संसद भवन पर कब्जा कर लिया। ये मौलवी मुक्तदा अल-सदर के समर्थक हैं। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ भी की। स्थानीय समाचार एजेंसी शफाक के अनुसार गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने इराक की राजधानी बगदाद में संसद भवन में जमकर उपद्रव किया। ये लोग भी देश में भ्रष्टाचार और कुशासन का विरोध कर रहे हैं।प्रदर्शनकारियों ने विरोध के दौरान अपने हाथों में शिया नेता अल-सदर की तस्वीर पकड़ रखी थी। बता दें कि अक्टूबर 2021 में हुए शुरुआती संसदीय चुनावों के 9 महीने बाद इराक राजनीतिक संकट से बाहर नहीं निकल पा रहा है। इससे यहां अभूतपूर्व विरोध देखने को मिल रहा है।

दीवारों को गिराकर अंदर घुसे
सदर आंदोलन के नेता मुक्तदा अल-सदर( Sadrist movement’s leader Muqtada Al-Sadr ) के सैकड़ों समर्थकों ने प्रधानमंत्री पद के लिए कॉर्डिनेशन फ्रेम वर्क के उम्मीदवार के विरोध में बुधवार को इराक की राजधानी बगदाद में ग्रीन जोन में संसद मुख्यालय में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्र के चारों ओर की दीवारों को गिरा दिया, चौकियों और सुरक्षा बाधाओं को पार किया और इराकी संसद के मुख्यालय की ओर बढ़ गए। दरअसल, कॉर्डिनेशन फ्रेमवर्क(The Coordination Framework) जो संसद में सबसे बड़ा ब्लॉक है, ने मोहम्मद शिया अल-सुदानी को प्रधान मंत्री पद के लिए नामित किया है। एक सिक्योरिटी सूत्र ने बताया कि प्रदर्शनकारी ग्रीन जोन में आगे बढ़े और संसद तक पहुंचने की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे प्रदर्शनकारियों का दम घुटने लगा। इतनी सुरक्षा उपायों के बावजूद प्रदर्शनकारी संसद भवन में प्रवेश करने में सफल रहे। सुरक्षा बलों ने शुरू में वाटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को ग्रीन जोन में घुसने से रोकने की कोशिश की थी।

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इराकी झंडे लहराते रहे
विरोध राजधानी के सेंटर तहरीर (लिबरेशन) स्क्वायर से दोपहर में शुरू हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने इराकी झंडे और मुक्तदा अल-सदर की तस्वीरें उठाईं। फिर वे अल-जुम्हुरिया पुल से ग्रीन जो के द्वार तक गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री पद के लिए अल-सुदानी की उम्मीदवारी की निंदा करने वाले नारों वाले बैनर लिए थे। इराकी प्रधान मंत्री मुस्तफा अल-कदीमी(Mustafa Al-Kadhimi) ने बगदाद में प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की। प्रधानमंत्री के प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अल-कदीमी ने प्रदर्शनकारियों से उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करने और नियमों और कानूनों के अनुसार ग्रीन जोन से तुरंत हटने का आह्वान किया। बयान में प्रदर्शनकारियों को परिणाम भुगतने की बात भी कही है।

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