
किंशासा। पूर्वी कांगो शहर गोमा में संयुक्त राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कम से कम पांच लोग मारे गए हैं और लगभग 50 घायल हो गए हैं। सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयया ने जानकारी देते हुए बताया कि सैकड़ों लोगों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के मुख्यालय और एक सैन्य अड्डे पर धावा बोल दिया था। इस हमले में पीस मिशन में शामिल भारतीय सेना के दो जवान भी शहीद हो गए हैं। शहीद जवान बीएसएफ के थे। बीएसएफ ने बताया कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बुटेम्बो में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दल (MONUSCO) के 02 बीएसएफ कर्मियों ने हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान घातक चोटों के कारण दम तोड़ दिया है।
भीड़ हिंसक हो गई जिसमें जवान गंभीर हो गए
स्थानीय लोगों ने पूरे कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दल (MONUSCO) के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलन का आह्वान किया था। यह विरोध प्रदर्शन सोमवार को शुरू हुआ और पूरे सप्ताह चलना था। सोमवार को गोमा (बेनी से लगभग 350 किलोमीटर दक्षिण और एक बड़ा मोनुस्को बेस) में संयुक्त राष्ट्र की संपत्ति को लूटने और आग लगाने के साथ स्थिति हिंसक हो गई। बेनी और बुटेम्बो दोनों हाई अलर्ट पर थे। यहां 02 जून 2022 से बीएसएफ की 02 प्लाटून टुकड़ी पर तैनात हैं।
सोमवार तो शांति से गुजर गया। लेकिन मंगलवार को बुटेम्बो में स्थिति हिंसक हो गई। मोरोको रैपिड डिप्लॉयमेंट का कैंप जहां बीएसएफ की प्लाटून तैनात थी,को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया था। कांगो पुलिस (पीएनसी) और कांगो सेना (एफएआरडीसी) के सैनिक पहुंचे, लेकिन 500 से अधिक लोगों की भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके। शुरुआत में उनके द्वारा पथराव किया गया था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए MORRDB के जवानों ने हवा में गोलियां चलाईं। बीएसएफ के जवानों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे लेकिन वे तीन अलग-अलग जगहों पर परिधि की दीवार को तोड़ने में कामयाब रहे। भीड़ को खदेड़ दिया गया लेकिन वे फिर से जमा हो गए। ऐसी खबरें थीं कि सशस्त्र विद्रोहियों ने प्रदर्शनकारियों में घुसपैठ की थी।
लेकिन दूसरा हमला अधिक घातक
दूसरा हमला अधिक भीषण था। प्रदर्शनकारियों व सेना के साथ छोटे हथियारों (ऑटोमैटिक्स) से गोलीबारी भी हुई थी। मोरक्को और भारतीय सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की। इस संघर्ष में बीएसएफ के 02 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने दम तोड़ दिया। MORRDB को भी एक मौत का सामना करना पड़ा और 01 आईपीओ को बंदूक की गोली से चोट लगी।
कांगो में संयुक्त राष्ट्र अभियान को मोनुस्को कहा जाता
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन, जिसे मोनुस्को के नाम से जाना जाता है, दुनिया के सबसे बड़े शांति अभियानों में से एक है। लेकिन देश के अशांत पूर्व में दशकों से चले आ रहे रक्तपात को रोकने में इसकी कथित अक्षमता के लिए इसकी नियमित रूप से आलोचना होती रही है। 120 से अधिक सशस्त्र समूह अस्थिर क्षेत्र में घूमते हैं, जहां नागरिक नरसंहार आम हैं और संघर्ष ने लाखों लोगों को विस्थापित किया है।
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