भारत-आसियान सम्मेलन में बोले PM मोदी- विकास और सुरक्षा सभी के लिए जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन शुआन फुक के साथ आसियान-इंडिया (ASEAN या Association of Southeast Asian Nations- india)वर्चुअल समिट की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। 17वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा सभी दस आसियान सदस्य देशों के नेताओं ने भाग लिया।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन शुआन फुक के साथ आसियान-इंडिया (ASEAN या Association of Southeast Asian Nations- india)वर्चुअल समिट की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। 17वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा सभी दस आसियान सदस्य देशों के नेताओं ने भाग लिया। बता दें कि इस बार सम्मेलन का आयोजन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण 12 से 15 नवंबर के बीच वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जा रहा है।

 

'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का मूल रहा है आसियान - मोदी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आसियान हमेशा हमारी 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का मूल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं। मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच भौतिक, आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, वित्तीय और समुद्री संबंधों को मजबूत करना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। पिछले कुछ सालों में इन क्षेत्रों में हम करीब आए हैं और यह सम्मेलन दूरियों को और कम करने का काम करेगा।

भारत के कंट्री कोर्डिनेटर थाईलैंड को धन्यवाद दिया 

शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी ने कहा कि हर साल की तरह हम हाथ से हाथ जोड़कर अपना पारंपरिक फोटो नहीं ले पाए, लेकिन फिर भी खुशी है कि हम इस वर्चुअल तरीके से मिल रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने आसियान में भारत के कंट्री कोर्डिनेटर थाईलैंड का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि कोविड की दिक्कतों के बावजूद आपने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।

सुरक्षा और विकास महत्वपूर्ण - मोदी

आसियाना की महत्ता पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम मानते हैं कि सुरक्षा और विकास क्षेत्र में सभी के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए एक जिम्मेदार आसियान आवश्यक है। भारत और आसियान के बीच हर प्रकार की कनेक्टिविटी को बढ़ाना। फिजिकल, आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, फाइनेंशियल हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में कई बातें कर चुके हैं।

अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज हमारे बीच की बातचीत चाहे ये वर्चुअल माध्यम से ही हो रही हो, हमारे बीच की दूरी को और कम करने के लिए लाभदायक होगी। मैं एक बार फिर आप सभी को आज की वार्ता के लिए धन्यवाद देता हूं।

 

क्या है आसियान समूह?

आसियान दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक संगठन है। हर दो साल में आसियान देशों का सम्मेलन होता है, जिसमें सभी देशों के आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक विषयों पर चर्चा की जाती है। इसकी स्थापना एशिया-प्रशांत के औपनिवेशिक देशों को बीच बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने किए की गई थी। मालूम हो कि इस संगठन में 10 दक्षिण एशियाई देश शामिल हैं। इनमें ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम के नाम हैं। उल्लेखनीय है कि आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 


 

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