दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति की पत्नी को पीएम मोदी ने नागा शॉल भेंट किया। नागा शॉल का कपड़ा कला का एक उत्कृष्ट रूप है। इस शॉल को भारत के पूर्वोत्तर भाग में नागालैंड राज्य की जनजातियों द्वारा सदियों से बुना जाता रहा है। ये शॉल अपने जीवंत रंगों, जटिल डिजाइनों और पारंपरिक बुनाई तकनीकों के उपयोग के लिए जाने जाते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहे हैं। यह शॉल कपास, रेशम और ऊन से बनाई जाती है। नागा शॉल की डिज़ाइन जनजाति के मिथकों, किंवदंतियों और मान्यताओं से प्रेरित हैं। प्रत्येक नागा शॉल एक अनोखी कहानी बताती है, जो जनजाति के इतिहास, मान्यताओं और जीवन शैली को दर्शाती है। नागा शॉल में इस्तेमाल किये जाने वाले रंग प्रतीकात्मक होते हैं। नागाओं का मानना है कि रंगों का उनके जीवन और कल्याण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए लाल साहस का प्रतीक है, जबकि काला शोक का प्रतीक है। सफेद रंग पवित्रता से जुड़ा है और हरा रंग विकास और समृद्धि का प्रतीक है। इन जीवंत रंगों को बनाने के लिए बुनकर अक्सर पौधों और जड़ों से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते हैं।