
नई दिल्ली. भारत-नेपाल (India-Nepal) के बीच चल रहे मनमुटाव के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Narwane) अगले महीने नेपाल का दौरा करेंगे। सेना प्रमुख के नेपाल दौरे से पहले ही नेपाल ने अपने रक्षामंत्री को बदल दिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश के डेप्युटी पीएम ईश्वर पोखरियाल से रक्षा मंत्री का प्रभार वापस ले लिया है। माना जा रहा है कि भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए ओली ने यह कदम उठाया है। चीन के इशारे पर चल रहे ओली के भारत के प्रति अब सुर बदलते दिख रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व डेप्युटी पीएम ईश्वर पोखरेल ओली कैबिनेट में भारत के सबसे मुखर विरोधी माने जाते हैं। अब खुद पीएम ओली रक्षामंत्री का प्रभार संभालेंगे। पोखरेल को प्रधानमंत्री कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
ओली से मिलेंगे जनरल नरवणे
जानकारी के मुताबिक जनरल नरवणे नवंबर के पहले सप्ताह में नेपाल जाएंगें। उनका यह दौरा तीन दिन का होगा। उन्हें नेपाल सेना के मानद अध्यक्ष (Honorary Army Chief) के पद से सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान वे नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, रक्षामंत्री और वहां के आर्मी चीफ से भी मुलाकात करेंगे।
संधि के तहत हो रहा है दौरा
बता दें कि भारत और नेपाल में बरसों पुरानी एक संधि है जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के आर्मी चीफ को अपने देश में आमंत्रित करते हैं और फिर समारोह के बीच उसे अपनी सेना के मानद अध्यक्ष का दर्जा देते हैं।
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी करेंगी नरवणे का सम्मान
नेपाल सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, नेपाल सरकार ने 3 फरवरी 2020 को ही जनरल नरवणे की यात्रा को मंजूरी दे दी थी। लेकन उसी दौरान कोरोना की वजह से दोनों देशों में लॉकडाउन लागू हो गया था जिसके चलते जनरल नरवणे का दौरा स्थगित कर दिया गया था। यात्रा के दौरान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनरल नरवणे को नेपाल आर्मी के जनरल का रैंक प्रदान करेंगी।
गंभीर तनाव बना हुआ है दोनों देशों में
गौरतलब है कि भारतीय सेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है. जब दोनों देशों में सीमा को लेकर गंभीर विवाद बना हुआ है। चीन के इशारे पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारत के लिपुलेख, लिम्प्युधारा और कालापानी इलाके को अपने नक्शे में शामिल कर चुके हैं। इसके लिए वे नेपाल की संसद का विशेष अधिवेशन बुलाकर संविधान में संशोधन भी करवा चुके हैं।
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