पाकिस्तान का राजनीतिक संकट (Pakistan Political Crisis) दुनियाभर में उसकी फजीहत की वजह बन गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अविश्वास प्रस्ताव खारिज(No confidence motion rejected) किए जाने और नेशनल असेंबली भंग करने के मुद्दे पर इमरान खान पहले ही मुंह की खा चुके हैं। इस बीच शुक्रवार को इमरान खान ने कई चौंकाने वाली बातें कही हैं।
वर्ल्ड न्यूज. पाकिस्तान की संसद में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को वोटिंग होगी। पाकिस्तान का राजनीतिक संकट (Pakistan Political Crisis) दुनियाभर में उसकी फजीहत की वजह बन गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अविश्वास प्रस्ताव खारिज(No confidence motion rejected) किए जाने और नेशनल असेंबली भंग करने के मुद्दे पर इमरान खान पहले ही मुंह की खा चुके हैं। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(7 अप्रैल) को अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के 3 अप्रैल के फैसले को शून्य घोषित किया।
भारत की तारीफ करने पर इमरान खान पर बरसीं नवाज शरीफ की बेटी
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इमरान खान पाकिस्तानी की अवाम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश के सांसद बिक रहे हैं। बाहरी मुल्क तख्तापलट चाहते हैं। इस बीच इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की। उन्होंने अमेरिका की ओर इशारा करके कहा कि किसी भी सुपरपावर की जुर्रत नहीं कि वो भारत से अपनी हां में हां मिलवा ले। इमरान खान ने उदाहरण दिया कि यूरोपियन यूनियन के एम्बेसडर ने उनसे रूस के खिलाफ बोलने को कहा, लेकिन क्य वे भारत से ऐसा बोल सकते हैं? उधर, भारत की तारीफ करने पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने इमरान खान पर तंज कसा। उन्होंने कहा-"अगर आप भारत को इतना पसंद करते हैं, तो पाकिस्तान छोड़कर वहीं शिफ्ट क्यों नहीं हो जाते हैं?"
इमरान खान ने पाकिस्तान से क्या कहा था, पढ़िए कुछ खास बातें
1. इमरान खान ने 8 अप्रैल को एक लाइव टेलीकास्ट के दौरान कहा, "हम एक ऐसा राष्ट्र नहीं हैं, जिसे टिशू पेपर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। पाकिस्तान किसी भी देश के साथ एकतरफा संबंध नहीं चाहता है।
2. इमरान खान ने शांतिपूर्ण विरोध के लिए रविवार को नमाज के बाद लोगों से अपने घरों से बाहर निकलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को विदेशी वित्त पोषित नाटक(foreign-funded drama)का विरोध करने के लिए अपने घरों से बाहर आना चाहिए और मैं आपके साथ रहूंगा] क्योंकि मैं पाकिस्तान के खिलाफ इस विदेशी साजिश को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।
3.पाकिस्तान में विदेशी सरकार की घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर ऐसा होता है तो वह समर्थन के लिए जनता की ओर रुख करेंगे।
4. विपक्ष अपने खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों से छुटकारा पाना चाहते हैं। अगर वे इतने आश्वस्त हैं, तो वे चुनाव कराने से क्यों डरते हैं?
5. नेशनल असेंबली की बहाली के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले से दु:खी हैं। सुप्रीम कोर्ट को कम से कम विदेशी साजिश मामले की जांच शुरू करनी चाहिए थी।
6. मैं सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका का सम्मान करता हूं, लेकिन शीर्ष अदालत को फैसला सुनाने से पहले धमकी भरे पत्र पर गौर करना चाहिए था। खरीद-फरोख्त के संबंध में अनुच्छेद 63 (ए) के फैसले ने भी उनकी निराशा को और बढ़ा दिया।
7. इमरान ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी राजदूत और अमेरिकी अधिकारी के बीच बैठक के बाद शिकायत की गई कि उन्हें रूस नहीं जाना चाहिए था।
8. इमरान खान ने कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर होने से पहले ही अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तानी राजदूत को चेतावनी दी थी कि अगर इमरान खान खुद को प्रस्ताव से बचाने में कामयाब रहे तो पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
9.मेरे अपने दो मंत्रियों ने मुझे बताया कि अमेरिकी अधिकारियों को मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बारे में कुछ महीने पहले ही पता चल गया था। राष्ट्र के लिए इस समय यह तय करना महत्वपूर्ण है कि क्या हम एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रहना चाहते हैं या क्या हम गुलामी स्वीकार करना चाहते हैं।
10. अमेरिका के खिलाफ होने के कारणों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि अगर पश्चिम देश में किसी को जानता है, तो वह मैं हूं। मैं एकमात्र ऐसा व्यक्ति था, जिन्होंने लगातार अफगानिस्तान में मानवीय संकट के खिलाफ आवाज उठाई थी। मैंने ही ड्रोन हमलों और इराक युद्ध के खिलाफ आवाज़ उठाई थी।
11. इमरान खान ने भारत की तारीफ करते हुए कहा-भारत और पाकिस्तान को ब्रिटेन से उसी समय आजादी मिली थी, लेकिन फिर भी किसी भी महाशक्ति में इसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं है। मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं। मेरा ध्यान अपने लोगों के हित पर है। मैं पहले अपने लोगों की बेहतरी देखूंगा, फिर दूसरे देशों के साथ संबंधों को देखूंगा।
12.इमरान खान ने कहा-हम केवल अपने लोगों को गरीबी से बाहर निकाल सकते हैं, वो तब, जब हम दूसरों के युद्धों में भाग नहीं लेते हैं।
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