अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री का दावाः चीन के वुहान लैब से निकला कोरोना वायरस, इस बात के पर्याप्त सबूत

क्या कोरोना वायरस चीन से दुनिया में फैला। इस बात पर बहस अभी थमी नहीं है। इसी बीच अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि मौजूदा सबूत ये संकेत देते हैं कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले जैव-हथियारों और जैव-आतंक का जोखिम वास्तविक है।

Asianet News Hindi | Published : May 19, 2021 7:39 AM IST / Updated: May 19 2021, 01:18 PM IST

वॉशिगंटन. क्या कोरोना वायरस चीन से दुनिया में फैला। इस बात पर बहस अभी थमी नहीं है। इसी बीच अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि मौजूदा सबूत ये संकेत देते हैं कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले जैव-हथियारों और जैव-आतंक का जोखिम वास्तविक है।

पोम्पियो ने मीडिया से बातचीत में कहा, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना की उत्पत्ति को काफी छिपाने की कोशिश की है। इतना ही नहीं चीन लैब में काम करने वाले डॉक्टर्स और मूल पदार्थ तक पहुंच को छिपा रहा है।

हमने सबूत हासिल करने की कोशिश की- पोम्पियो
पोम्पियो ने कहा, हमने हर संभव सबूत हासिल करने के लिए काम किया, हमने इसे सीडीसी तक पहुंचाने की कोशिश की। चीनियों के साथ काम करने की कोशिश की। लेकिन चीन की सरकार ने इसे काफी भीषण रूप से ढकने की कोशिश की। 

पोम्पियो ने कहा, वुहान की लैब या अन्य किसी चीनी लैब से ऐसा दोबारा होने का भी जोखिम काफी अधिक है। उन्होंने कहा, चीन ऐसी गतिविधियों का संचालन कर रहा है, जो उनकी इन गतिविधियों को सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा, इस क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले जैव-हथियारों और जैव-आतंक का जोखिम वास्तविक है।

चीन पर लगातार उठ रहे सवाल
कोरोना का पहला केस 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था। इसके बाद कोरोना का कहर पूरी दुनिया में जारी है। इन सबके बीच बार बार एक सवाल उठता रहा है कि क्या कोरोना फैलाने में चीन का हाथ हैं। हाल ही में दुनिया के टॉप साइंटिस्ट की टीम ने कहा था कि जब तक कोरोना के लैब से फैलने की बात गलत साबित नहीं हो जाती, इसे गंभीरता से लेना चाहिए। 

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने लगाए आरोप
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के द वीकेंड ऑस्ट्रेलियन ने चीन के एक रिसर्च पेपर को आधार बनाकर रिपोर्ट छापी थी। इसमें दावा किया गया था कि चीन पिछले 6 साल से सार्स वायरस की मदद से जैविक हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है, चीनी वैज्ञानिक 2015 में ही कोरोना के अलग-अलग स्ट्रेन पर चर्चा कर रहे थे। चीनी वैज्ञानिक ने कहा था कि तीसरे विश्वयुद्ध में इसे जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने इस बात पर भी चर्चा की थी कि इसे कैसे महामारी के तौर पर बदला जा सकता है।

पहले भी लग चुके चीन पर आरोप 
चीन पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप पहली बार नहीं लगा। इससे पहले पिछले साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई बार चीन पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसे चीनी वायरस तक कहा था। अमेरिका के अलावा यूरोप के तमाम देशों ने भी चीन पर कोरोना फैलाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। हाल ही में ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था। 

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