
Pope Francis funeral: 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस (Pope Francis) का अंतिम संस्कार आज वेटिकन सिटी (Vatican City) के सेंट पीटर्स स्क्वायर (St. Peter’s Square) में अत्यंत श्रद्धा और सादगी के साथ किया गया। सोमवार, 21 अप्रैल को स्ट्रोक के चलते उनका निधन हो गया था। शनिवार सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू हुए अंतिम संस्कार में 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
पोप फ्रांसिस ने हमेशा सादगी को प्राथमिकता दी थी। इसी कारण परंपरागत तीन ताबूतों (साइप्रस, सीसा और ओक) के बजाय सिर्फ एक साधारण लकड़ी का ताबूत इस्तेमाल किया गया जिसे जिंक से लाइन किया गया था। वेटिकन न्यूज के अनुसार, आम श्रद्धालुओं को खुले ताबूत में अंतिम दर्शन की अनुमति दी गई। ताबूत को सुबह 10 बजे (स्थानीय समय) सेंट पीटर्स बेसिलिका के सामने रखा गया, जहां कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं।
पोप फ्रांसिस ने अपनी इच्छा के अनुसार सेंट पीटर्स बेसिलिका (St. Peter’s Basilica) की बजाय रोम के सांता मारिया मैजियोरे बेसिलिका में विश्राम लिया। वे प्रसिद्ध सैलुस पॉपुली रोमानी (Salus Populi Romani) आइकन के निकट दफनाए गए, जिसके सामने वे हर विदेशी यात्रा से पहले और बाद में प्रार्थना करते थे। उनकी समाधि एक साधारण लिगुरियन संगमरमर (Ligurian Marble) से बनी है जिस पर केवल Franciscus नाम और उनका प्रसिद्ध भेड़ के साथ चरवाहे का क्रॉस उकेरा गया है।
अब 252 कार्डिनल्स में से 80 वर्ष से कम आयु वाले 138 कार्डिनल्स वेटिकन में गुप्त कॉन्क्लेव (Conclave) में भाग लेंगे। मतदान तब तक चलेगा जब तक किसी कार्डिनल को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिल जाता। नई नियुक्ति की घोषणा वेटिकन के सिस्टीन चैपल (Sistine Chapel) से उठने वाले सफेद धुएं के माध्यम से की जाएगी।
समारोह में 130 विदेशी प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहे, जिनमें 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 सम्राट शामिल थे। प्रमुख उपस्थित लोगों के अलावा करीब 2.5 लाख लोग से अधिक मौजूद रहे।
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