
इराक में पिछले तीन दिन से भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों में गुरुवार को मृतकों की संख्या बढ़ कर 34 हो गई। हिंसक हुए इस प्रदर्शन का असर दक्षिण इराक में अधिक है। इराक के दक्षिणी शहर अमारा में लोग लगातार पिछले तीन दिन से भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को कर्फ्यू लगे होने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली। इस दौरान पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में छह प्रदर्शनकारियों की गोली लगकर मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि इस प्रदर्शन में एक पुलिस अधिकारी समेत 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 600 प्रदर्शनकारी और सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
इराक के पीएम अदेल अब्देल मेहदी परेशान
क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रमुख अब्दुलहुसैन अल जाबेरी ने बताया कि गुरुवार को जहां पर सबसे हिंसक प्रदर्शन हुआ वहां जी कार प्रांत में गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। इस समय इराक के प्रधानमंत्री अदेल अब्देल मेहदी के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि गोली और आंसू गैस के गोले दागने और स्थानीय स्तर पर कर्फ्यू लगाने के बाद भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर कर प्रदर्श कर रहें हैं। प्रदर्शनों से परेशान प्रधानमंत्री ने राजधानी बगदाद में सुबह पांच बजे से लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी। इसके बाद भी लोग मशहूर तहरीर चौक पर जमा हुए। तनाव के बीच तेजतर्रार धार्मिक नेता मुक्तदा अल सदर ने आम हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर बगदाद में इंटरनेट और सरकारी कार्यालयों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
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