
QUAD leaders meet: जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने हिरोशिमा पहुंचे क्वाड नेताओं ने समिट खत्म होने के बाद मीटिंग कर बिना नाम लिए चीन पर प्रहार किया। क्वाड समूह के नेताओं - ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका- ने शनिवार को हिरोशिमा में बीजिंग के व्यवहार पर प्रहार किया और कहा कि हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता से खिलवाड़ करने की कार्रवाईयों का कड़ा विरोध करते हैं। चीन का नाम लिए बगैर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और तीनों देशों के प्रमुखों ने हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक संयुक्त बयान दिया।
कूटनीतिक भाषा में चीन का विरोध लेकिन नाम नहीं लिया...
क्वाड लीडर्स ने बयान में कूटनीतिक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि हम अस्थिर करने वाली या एकतरफा कार्रवाइयों का कड़ा विरोध करते हैं। ऐसे सभी कार्रवाईयों के वह लोग खिलाफ हैं जो बल या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती हैं। हम विवादित फैसिलिटी के सैन्यीकरण, कोस्टगार्ड और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग और अन्य देशों के अपतटीय संसाधन शोषण गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं।
शिखर सम्मेलन के लिए जुटे तो क्वाड मीटिंग भी कर ली
क्वाड नेताओं ने अपनी बैठक तब की जब वे जी7 शिखर सम्मेलन के लिए पहले से ही हिरोशिमा में एकत्र हुए थे। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीस अगले सप्ताह सिडनी में बिडेन, जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने वाले थे। हालांकि, बिडेन ने हाथ खींच लिए कि रिपब्लिकन विरोधियों के साथ बातचीत करने के लिए उन्हें रविवार को जापान से वाशिंगटन लौटना होगा। बिडेन ने योजनाओं में बदलाव के लिए मजबूर करने के लिए माफी मांगी और अल्बनीज को व्हाइट हाउस की राजकीय यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया।
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