शुक्रवार को रमजान का पवित्र महीना भी शुरू हो गया। लॉकडाउन के चलते लोगों ने अपने घर में ही नमाज पढ़ी, पर पाकिस्तान जैसे कई देशों में लोग मस्जिदों में भी जमा हुए साथ में नमाज पढ़ी। इन देशों में इमाम सरकार की बात मानने के लिए तैयार नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी रमजान के महीने में सभी देशों की सरकार से सामूहिक नमाज और किसी भी तरह के सामाजिक कार्यक्रम में पाबंदी लगाने को कहा है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में फैला हुआ है और इस महामारी के चलते अधिकतर देशों में लॉकडाउन लगा हुआ है। इस बीच शुक्रवार को रमजान का पवित्र महीना भी शुरू हो गया। लॉकडाउन के चलते लोगों ने अपने घर में ही नमाज पढ़ी, पर पाकिस्तान जैसे कई देशों में लोग मस्जिदों में भी जमा हुए साथ में नमाज पढ़ी। इन देशों में इमाम सरकार की बात मानने के लिए तैयार नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी रमजान के महीने में सभी देशों की सरकार से सामूहिक नमाज और किसी भी तरह के सामाजिक कार्यक्रम में पाबंदी लगाने को कहा है। इसी वजह से भारत में भी सभी लोग घर के अंदर ही नमाज अदा करेंगे और इफ्तारी भी नहीं रखी जाएगी।
पाकिस्तान में सरकार का आदेश नहीं मान रहे इमाम
पाकिस्तान में सरकार कोरोना को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। यहां इमामों ने सरकार पर दबाव बनाया और डब्ल्यूएचओ की सलाह के बावजूद नमाज पर लगी रोक हटवा दी। डॉक्टरों ने भी सरकार से सामूहिक नमाज में रोक लगाने की अपील की थी, पर कुछ शर्तों के साथ लोगों को मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति मिल गई है। पंजाब प्रांत की सरकार ने आतंकी संगठनों को जकात नहीं देने का आदेश दिया है। सरकार ने कहा है कि जो लोग इन आतंकी संगठनों को जकात देंगे उनके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। यहां सरकार ने जिन संगठनों और दलों को जकात नहीं देने को कहा है, उसमें बलुचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी , लश्कर ए झांगवी, अलकायदा और कई अन्य बलूच संगठन शामिल हैं।
सऊदी अरब में सूनी पड़ी हैं मस्जिदें
सऊदी अरब ने अपने दोनों पवित्र स्थल मक्का और मदीना में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा उमरा पर भी पाबंदी लगाई गई है। पूरे एक महीने तक मक्का और मदीना बंद रहेंगे। इस दौरान प्रिंस सलमान ने कहा कि इस बार वो रमजान पर दुखी हैंस क्योंकि लोग मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ सकेंगे।
इंडोनेशिया में सरकार की बात नहीं मान रहे लोग
इंडोनेशिया दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है, पर यहां भी सरकार ने सामूहिक नमाज पर रोक लगा रखी है। राष्ट्रीय धार्मिक संगठन भी लोगों से घर के अंदर रहने की अपील कर रहे हैं, पर यहां की जनता किसी की सुनने को तैयार नहीं है। कुछ जगहों को छोड़कर इंडोनेशिया में भी लोग नमाज पढ़ने के लिए सड़कों पर उतर आए।
मलेशिया में घर के अंदर ही नमाज पढ़ रहे लोग
मलेशिया में सरकार सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है और सभी लोग यहां घर के अंदर ही कैद हैं। रमजान के मौके पर भी लोगों ने घर के अंदर ही नमाज अदा की। इस दौरान स्कूलों से लेकर नमाज बाजार और सामाजिक कार्यक्रम सब कुछ रुका हुआ है। लोग सिर्फ ऑनलाइन खरीददारी कर सकते हैं। पुलिस ने जगह जगह पर चेक प्वाइंट्स बनाए हैं और लॉकडाउन का पालन ना करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
अफगानिस्तान में मस्जिदों में जुटी भीड़
अफगानिस्तान के स्वास्थ्य अधिकारियों और मौलवियों ने लोगों से घर के अंदर ही तरावीह करने को कहा है, पर कई जगहों पर जनता ने किसी की बात नहीं मानी और मस्जिदों में जाकर लोगों ने सामूहिक नमाज अदा की। यहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने भी सभी से शांति और भाईचारे की अपील की। उन्होंने तालिबान से भी रमजान के पवित्र महीने में संघर्ष विराम की अपील की। हालांकि आतंकी संगठन ने उनकी अपील को ठुकरा दिया है।
जर्मनी में नमाज की लाइव स्ट्रीमिंग
यूरोपीय देश जर्मनी में भी रमजान की शुरुआत हुई और लोगों ने सुरक्षा का ध्यान रखते हुए नमाज अदा की। कई जगहों पर नमाज और कुरान पाठ की लाइव स्ट्रीमिंग भी की गई।
यूएई और मिस्र में रमजान के दौरान लॉकडाउन में नरमी
यूएई और मिस्र सहित बाकी अरब देशों में रमजान के महीने में लॉकडाउन में नरमी बरती गई है। यूएई में रात में 8 घंटे के लिए लॉकडाउन में कमी की जाएगी। इस दौरान माल्स और बाजार भी खुले रहेंगे।
ईरान
इस्लामिक देशों में कोरोना का सबसे कहर ईरान में ही है। यहां इस महामारी से 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।