
लोक की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, क्योंकि विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में अपना पैसा निकाल रहे हैं। इस साल अप्रैल से जून के बीच, विदेशी निवेशकों ने चीन से 15 बिलियन डॉलर की निकासी की है। यह 2021 में हुए 344 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड निवेश के मुकाबले बहुत बड़ी गिरावट है। चीन की धीमी होती अर्थव्यवस्था और बढ़ते वैश्विक तनाव के कारण निवेशक चिंतित हैं। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों पर चीन का तेजी से जोर भी विदेशी वाहन निर्माताओं के निवेश को प्रभावित कर रहा है।
चीन नया विदेशी निवेश आकर्षित करने और मौजूदा निवेशकों को बनाए रखने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन यह निकासी उसके लिए एक बड़ा झटका है। चीन सरकार को उम्मीद थी कि विदेशी कंपनियां अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए चीन में निवेश करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद से नए विदेशी निवेश में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
चीन अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ब्याज दरों को कम कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर, अन्य देशों में ब्याज दरें बढ़ रही हैं। इससे विदेशी निवेशक चीन से अपना पैसा निकालकर उन देशों में निवेश कर रहे हैं जहाँ उन्हें अधिक रिटर्न मिल रहा है। इसका असर यह हुआ है कि चीन से विदेशों में निवेश बढ़ा है। इस साल की दूसरी तिमाही में चीन से विदेशों में 71 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 39 बिलियन डॉलर था। यह 80% की बढ़ोतरी है।
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