NATO का सपना छोड़े, कम करे सेना, जानें रूस ने यूक्रेन के सामने शांति के लिए रखी क्या शर्तें

Published : Jun 03, 2025, 10:54 AM IST
Russia Ukraine peace talks

सार

रूस-यूक्रेन शांति वार्ता का दूसरा दौर बिना किसी बड़ी सफलता के समाप्त। कैदियों की अदला-बदली पर सहमति, लेकिन युद्ध विराम पर असहमति। रूस ने यूक्रेन से भू-भाग छोड़ने और सेना कम करने की मांग की।

Russia Ukraine Peace Talks: रूस और यूक्रेन के बीच सीधी शांति वार्ता का दूसरा दौर एक घंटे के भीतर ही समाप्त हो गया। दोनों पक्ष किसी बड़ी सफलता पर नहीं पहुंच सके। तुर्की के इस्तांबुल में सोमवार को हुई वार्ता में दोनों पक्ष कैदियों की अदला-बदली पर सहमत हुए।

रूसी मीडिया के अनुसार मास्को ने कीव से साफ कह दिया है कि उसे किसी सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं होना होगा। यूक्रेन लंबे समय से नाटो (North Atlantic Treaty Organization) का सदस्य बनने की कोशिश में है। यह रूस-यूक्रेन लड़ाई शुरू होने की मुख्य वजह है। रूस ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन को NATO सदस्य बनने का सपना छोड़ना होगा।

रूस ने यूक्रेन से कहा है कि लड़ाई तभी खत्म होगी जब यूक्रेन अपने भू-भाग के बड़े हिस्से को छोड़ देगा। अपनी सेना का आकार कम करेगा। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था। रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव के नेतृत्व में यूक्रेनी वार्ताकारों ने कहा कि रूस ने "बिना शर्त युद्ध विराम" अस्वीकार किया। दोनों पक्षों 12,000 सैनिकों के शव लौटाने पर सहमत हुए हैं।

दूसरी ओर रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा, "हमने अब तक की सबसे बड़ी कैदी अदला-बदली पर सहमति जताई है। गंभीर रूप से घायल और बीमार सैनिकों की अदला-बदली की जाएगी।

यूक्रेन के 20% हिस्से पर है रूस का कब्जा

बता दें कि यूक्रेन के करीब 20% हिस्से पर रूस का कब्जा है। इसमें दक्षिणी क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है। रूस ने इसपर 2014 में कब्जा किया था। बैठक के बाद यूक्रेन के रक्षा मंत्री उमरोव ने कहा कि यूक्रेन ने "हत्याओं को तुरंत रोकने के लिए" जमीन, समुद्र और हवा में कम से कम 30 दिनों के लिए "पूर्ण और बिना शर्त युद्ध विराम" पर जोर दिया। "बिना शर्त युद्ध विराम" यूक्रेन और यूरोप और अमेरिका की प्रमुख मांग थी।

रूस ने शांति के लिए की ये मांग

  • रूस ने दक्षिण-पूर्व में अपने चार आंशिक रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों से यूक्रेनी सेना हटाने की मांग की है।
  • यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों के साथ-साथ क्रीमिया पर रूस के नियंत्रण को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी जाए।
  • किसी भी सैन्य गठबंधन में यूक्रेन की सदस्यता बैन हो।
  • यूक्रेनी सेना के आकार की सीमा रहे।
  • यूक्रेनी रूसी को आधिकारिक भाषा रखे।
  • रूस पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाया जाए।

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