
US-Russia Tension: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच रूस ने बड़ा फैसला लिया है। रूस ने छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती पर लगी रोक को हटा दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि अब वह खुद को इस रोक का पालन करने के लिए मजबूर नहीं मानता। रूस का कहना है कि यह फैसला हाल ही में अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों के जवाब में लिया गया है।
रूस का यह फैसला तब आया जब राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस के तट के पास दो परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने का आदेश दिया। इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा हो गया। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह लगातार अमेरिका को चेतावनी देता रहा, लेकिन उन चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया। मंत्रालय ने बताया, “हमने पहले ही कहा था कि हम मिसाइलों की तैनाती तब तक नहीं करेंगे जब तक अमेरिका कोई ऐसा कदम नहीं उठाता। लेकिन अब अमेरिका खुद मिसाइलों से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा है, इसलिए हमने भी अपनी नीति बदलने का फैसला किया है।”
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बता दें कि 1987 में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच एक समझौता हुआ था, जिसे INF संधि कहा जाता है। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज की जमीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की तैनाती न करने का वादा किया था। हालांकि, अमेरिका 2019 में इस समझौते से एकतरफा बाहर निकल गया। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर तनातनी बनी हुई है, लेकिन अब ट्रंप के हालिया आदेश के बाद रूस ने औपचारिक रूप से मिसाइलों की तैनाती पर लगी रोक को खत्म कर दिया है।
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