
चंडीगढ़. यूक्रेन और रूस (Russia Ukraine War) की सीमा पर हालात बिगड़ चुके हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia president Vladimir Putin) ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। लंबे तनाव के बाद रूस ने भारतीय समय अनुसार गुरुवार सुबह 5 बजे यूक्रेन पर हमला बोला है। हर तरफ बम-धमाकों को आवाज गूंज रही है। वहीं यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का बहुत बुरा हाल है, क्योंकि इन हमलों के दौरान कई भारतीय छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव के एयरपोर्ट पर ही फंसे हैं। कुछ एयरपोर्ट तो कुछ आसपास के घरों में दुबके हुए हैं। इन स्टूडेंट्स में पंजाब-हरियाणा और यूपी के कुछ छात्र हैं, जिन्होंने मीडिया से बात कर वहां का हाल बयां कया है।
एयरपोर्ट पर रात गुजराने के लिए मजबूर हुए छात्र
दरअसल, हमले के डर से सभी भारतीय छात्र एक जगह पर इक्ट्ठा हो रहे हैं। जो पहले अलग-अलग फ्लैट्स में रहते थे, लेकिन अब एक ही साथ रहेंगे। वहीं कुछ स्टूडेंट पिछले कई दिन से कीव एयरपोर्ट पर ही रात गुजराने के लिए मजबूर हैं। जिसमें हरियाणा फरीदाबाद से अरबाज खान, अंकित शर्मा और पंजाब के हर्षित बंसल भी हैं। वहीं इनके साथ यूपी के लखनऊ सक्षम और शाहरूख हुसैन भी इस वक्त उनके साथ हैं।
हॉस्टल से बाहर निकलते तो बम-धमाकों की आवाज आती
यूपी के सक्षम ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यहां के हालात बहुत ज्यादा ही खराब हो चुके हैं। जिस हॉस्टल में हम रहते हैं वहां पहले 50 कारें खड़ी थीं, लेकिन अब की हालत यह है कि यहां पर भारतीयों की करीब 5-6 कारें ही दिखाई दे रहे हैं। सक्षम ने बताया कि वह वीएन काराजिन खारकिव नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं और उनके साथ 4 से 5 हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं। सभी दहशत में हैं, कुछ मेट्रो स्टेशन पर फंसे हुए हैं तो कुछ एयरपोर्ट पर फंसे हैं। बमबारी के बाद बसों में उन्हें कहीं दूसरे स्थान पर लेकर जाया गया है। सभी की एक ही तमन्ना है कि जल्द से जल्द भारत पहुंच जाएं।
3 लाख में मिल रहा एक टिकट,
सक्षम में ने बताया है कि भारत जाने के लिए अब तो टिकट भी आसानी से नहीं मिल रहा है। क्योंकि इंडिया जाने के लिए फ्लाइट की टिकट एक लाख से बढ़कर तीन लाख रुपए हो गई है। उसी को लेने के लिए 8 से 10 घंटे लाइन में लगना पड़ता है, तब कहीं जाकर टिकट मिल पा रहा है। लेकिन फिर भी यहां फंसे लोग इतना महंगा टिकट लेने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि हम तो रूस ने हमला बोल दिया है। आज सुबह तड़के तीन से चार धमाकों की आवाज अब भी कानों में गूंज रहे हैं। अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि हॉस्टल से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है।
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