Asianetnews के रिपोर्टर Prashant Raghuvamshom यूक्रेन पोलैंड की सीमा पर पहुंचे। उन्होंने यूक्रेन से आए भारतीय छात्रों से बात की। छात्रों ने कहा कि वे खार्किव से आए हैं। ट्रेन में सवार होने में काफी परेशानी हुई। यूक्रेनी पुलिस उन्हें ट्रेन में सवार नहीं होने दे रही थी।
जेशो (पोलैंड)। रूस और यूक्रेन के बीच हुई जंग (Russia Ukraine War) के चलते करीब 20 हजार भारतीय नागरिक यूक्रेन में फंस गए थे। इनमें अधिकतर छात्र थे। यूक्रेन में लड़ाई के चलते विमानें लैंड नहीं कर सकतीं। इसलिए भारतीय नागरिकों को पहले यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचने के लिए कहा गया। इसके बाद वहां से विमानों से भारत लाया जा रहा है।
यूक्रेन छोड़कर निकलने वाले बहुत से लोग पोलैंड पहुंचे। पोलैंड की सीमा पर भारतीय छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। भारत सरकार ने टीम भेजी इसके बाद स्थिति में सुधार आया। Asianetnews के रिपोर्टर Prashant Raghuvamshom यूक्रेन पोलैंड की सीमा पर पहुंचे। उन्होंने यूक्रेन से आए भारतीय छात्रों से बात की।
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यूक्रेन से पोलैंड पहुंचे भारतीय छात्रों के रहने और खाने के इंतजाम किए गए हैं। Asianetnews के रिपोर्टर एक ऐसे होटल में पहुंचे जहां भारतीय छात्रों को ठहराया गया था। होटल के कैंटीन में यूक्रेन से भागकर आए छात्र कतार में लगकर भोजन लेते दिखे। ये छात्र बीती रात होटल में आराम कर खाने के लिए कैंटीन पहुंचे थे। छात्रों ने बताया कि यूक्रेन से निकलकर पोलैंड पहुंचने पर राहत महसूस हुई। पोलैंड में किए गए इंतजाम को लेकर छात्रों ने गहरा आभार व्यक्त किया। छात्रों ने उम्मीद जताई की वे जल्द सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे। इस दौरान छात्रों ने यूक्रेन से निकलने के दौरान घटी खौफनाक घटनाएं भी बताईं। एक छात्रा ने कहा कि यूक्रेन के नागरिकों ने हमें ट्रेन में प्रवेश करने से रोका।
छात्रों ने कहा कि वे खार्किव से आए हैं। ट्रेन में सवार होने में काफी परेशानी हुई। यूक्रेनी पुलिस उन्हें ट्रेन में सवार नहीं होने दे रही थी। एक छात्र ने कहा कि यूक्रेनी पुलिसकर्मी कह रहे थे कि वे किसी भी अश्वेत व्यक्ति को ट्रेन से नहीं जाने देंगे। इनके देश ने संयुक्त राष्ट्र में हमारे राष्ट्रपति का समर्थन नहीं किया है।
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