यूक्रेन के खार्किव से नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को बेंगलुरू लाने में भारतीय दूतावास ने की अथक कोशिश

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) में कर्नाटक के नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई थी। उनके पार्थिव शरीर को बेंगलुरू लाने में भारतीय दूतावास ने अथक कोशिश की।

Asianet News Hindi | Published : Mar 21, 2022 12:07 PM IST / Updated: Mar 21 2022, 05:49 PM IST

कीव। 21 वर्षीय नवीन शेखरप्पा खार्किव स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र थे। कर्नाटक के रहने वाले नवीन पूर्वी यूक्रेन के खार्किव शहर में अन्य रूम-मेट्स के साथ एक अपार्टमेंट साझा कर रहे थे। रूस और यूक्रेन के सैनिकों के बीच हुई गोलीबारी में नवीन की मौत हो गई थी। खार्किव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और रूस के साथ सीमा से लगभग 50 किमी दूर है। 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत के बाद से शहर में भारी गोलाबारी हो रही थी, जिसके कारण शहर के नागरिक क्षेत्रों में भारी विनाश हुआ। 

नवीन के पार्थिव शरीर को खार्किव के एक मुर्दाघर में रखा गया था। गोलाबारी जारी रहने के चलते नवीन के नश्वर अवशेषों को खार्किव से बाहर नहीं ले जाया जा सका। कोई भी एम्बुलेंस या परिवहन एजेंसी शहर से यात्रा करने का जोखिम लेने को तैयार नहीं थी। इसके अलावा सक्रिय संघर्ष के माहौल के कारण सभी संबंधित अधिकारियों से नियमित कागजी कार्रवाई कराना और अनुमति प्राप्त करना दिन-ब-दिन बहुत कठिन हो गया। उदाहरण के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जिसमें सामान्य रूप से दो दिन लगते हैं। इसे प्राप्त करने में सात दिन लग गए। इसके लिए लगातार प्रयास करना पड़ा। यह भी खार्किव के बजाय विन्नित्सिया में जारी किया गया था। चुनौतियों के बावजूद भारतीय दूतावास भारत में नवीन के नश्वर अवशेषों को उनके माता-पिता को वापस करने के अपने इरादे के साथ अथक प्रयास करता रहा। लगभग तीन सप्ताह तक लगातार प्रयास के बाद 21 मार्च, 2022 को नवीन के नश्वर अवशेष को बेंगलुरु में उसके परिवार तक पहुंचाया जा सका।

Latest Videos

12 मार्च को खार्किव से बाहर लाया गया था पार्थिव शरीर 
यह भारतीय मिशन द्वारा यूक्रेनी अधिकारियों, खार्किव शहर राज्य प्रशासन, विश्वविद्यालय के अधिकारियों और अस्पताल के अधिकारियों के साथ दृढ़ समन्वय और अनुरोधों के द्वारा संभव बनाया गया था। यूक्रेन में हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण यूक्रेन के पूर्वी शहर खार्किव से पश्चिम में पोलैंड तक सड़क मार्ग से नश्वर अवशेषों को ले जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। 12 मार्च को नश्वर अवशेषों को आखिरकार खार्किव से बाहर ले जाया गया। हालांकि, यूक्रेन के कई क्षेत्रों में बिगड़ती और खतरनाक सुरक्षा स्थिति के चलते नश्वर अवशेषों को सीधे पोलिश सीमा की ओर नहीं ले जाया जा सका। 

यह भी पढ़ें- खारकीव में मारे गए मेडिकल स्टूडेंट नवीन शेखरप्पा का पार्थिव शरीर पहुंचा बेंगलुरू, CM बसवराज ने दी श्रद्धांजलि

नश्वर अवशेष 13 मार्च को डीनिप्रो और 14 मार्च को विन्नित्सिया पहुंचे। विन्नित्सिया में मिशन को यूक्रेनी अधिकारियों और यूक्रेन में पोलैंड के महावाणिज्य दूतावास के साथ संपर्क करना पड़ा ताकि नश्वर अवशेषों के पोलैंड तक परिवहन के लिए आवश्यक मंजूरी और अनुमति प्रदान की जा सके। यह अनुमति दी गई और 17 मार्च को नश्वर अवशेषों को पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव ले जाया गया। 18 मार्च को मिशन की चौकस निगाहों और यूक्रेनी राज्य सीमा रक्षकों से किए गए अनुरोध के तहत नश्वर अवशेषों को पोलिश सीमा पार कराया गया। इसके बाद वारसॉ में भारतीय दूतावास द्वारा अंतिम औपचारिकताएं और आवश्यक कागजी कार्रवाई की गई। अमीरात की उड़ान ईके 0568 से नश्वर अवशेष अंततः 21 मार्च 2022 को 02:55 बजे बेंगलुरु पहुंचे।

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts