
नई दिल्ली। रूस ने यूक्रेन पर डर्टी बम (Dirty Bomb) बनाने का आरोप लगाया है। इसके बाद से डर्टी बम की काफी चर्चा हो रही है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत दुनिया के कई बड़े देशों के रक्षा मंत्री से टेलीफोन पर बात की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है।
हालांकि रूस की ओर से इस बात के सबूत नहीं दिए गए हैं कि यूक्रेन किस तरह डर्टी बम बना रहा है। रूस के दावे को पश्चिमी देशों ने खारिज कर दिया है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वास्तव में रूस द्वारा डर्टी बम का इस्तेमाल किया जा रहा है। दुनिया को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
क्या है डर्टी बम?
डर्टी बम एक तरह का परमाणु हथियार है। परमाणु बम की तरह इससे बहुत बड़े पैमाने पर तबाही नहीं, होती, लेकिन रेडियोलॉजिकल पदार्थ फैल जाने से यह बड़े पैमाने पर विनाश कर सकता है। इसका धमाका इंसान की सोच पर असर करता है। यह ऐसा यंत्र है जो बड़े इलाके में रेडियोलॉजिकल पदार्थ फैला देता है। रेडियोएक्टिव मटेरियल फैलने से बड़ी संख्या में लोग हताहत हो सकते हैं।
डर्टी बम में आम बमों की तरह विस्फोटक होते हैं। इसके साथ ही इसमें रेडियोएक्टिव मटेरियल को भी मिला दिया जाता है। धमाके से रेडियोएक्टिव मटेरियल इलाके में फैलता है, जिससे तबाही होती है। डर्टी बम बनाना आसाना और सस्ता माना जाता है। इसमें टीएनटी जैसे विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ रेडियोएक्टिव मटेरियल मिला दिया जाता है।
क्यों खतरनाक है डर्टी बम?
पारंपरिक परमाणु बम काफी विध्वंसक होता है। इससे एक शहर जितने बड़े जगह को पूरी तरह तबाह किया जा सकता है। दूसरी ओर डर्टी बम का धमाका इतना तेज नहीं होता। इससे फैला रेडियोएक्टिव मटेरियल लोगों के लिए खतरनाक होता है। इससे बड़े इलाके में रेडियोएक्टिव कचरा फैल जाता है। डर्टी बम से कितना नुकसान होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि बम में कितना रेडियोएक्टिव मटेरियल डाला गया है और हवा किस दिशा की ओर बह रही है। डर्टी बम को सामूहिक विनाश का हथियार माना जाता है। सैद्धांतिक रूप से युद्ध के मैदान में इसके इस्तेमाल के फायदे बहुत कम हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में डर्टी बम के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर दहशत फैलाई जा सकती है।
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