रूस की चेतावनी: जो यूक्रेन की सैन्य मदद करेगा वह युद्ध में शामिल माना जाएगा, अंजाम भी भुगतना पड़ेगा

Published : Mar 07, 2022, 04:11 AM IST
रूस की चेतावनी: जो यूक्रेन की सैन्य मदद करेगा वह युद्ध में शामिल माना जाएगा, अंजाम भी भुगतना पड़ेगा

सार

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने एक वीडियो ब्रीफिंग में कहा कि हम निश्चित रूप से जानते हैं कि यूक्रेनी लड़ाकू विमान रोमानिया और अन्य पड़ोसी देशों से उड़ान भर रहे हैं।

मास्को। रूस (Russia warned) ने रविवार को यूक्रेन को सैन्य विमानों को उड़ाने के लिए बेस देने में मदद करने वाले देशों को चेताया है। रूस ने नाटो सदस्य देश रोमानिया व यूक्रेन के अन्य पड़ोसी मुल्कों को साफ-साफ कहा कि सैन्य विमानों को मदद करना एक सशस्त्र संघर्ष में शामिल होना माना जाएगा। ऐसे में रूस को भी यू्क्रेन का साथ दे रहे देशों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल होना पड़ेगा। 

जो यूक्रेन की मदद कर रहा, वह सीधे युद्ध में है शामिल

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने एक वीडियो ब्रीफिंग में कहा कि हम निश्चित रूप से जानते हैं कि यूक्रेनी लड़ाकू विमान रोमानिया और अन्य पड़ोसी देशों से उड़ान भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस की सेना के खिलाफ बल के बाद के उपयोग के साथ यूक्रेनी सैन्य विमानन को आधार बनाने के लिए इन देशों के हवाई क्षेत्र नेटवर्क का उपयोग सशस्त्र संघर्ष में इन राज्यों की भागीदारी के रूप में माना जा सकता है। कोनाशेनकोव ने यह भी दावा किया कि युद्ध के लिए तैयार यूक्रेन के विमान नष्ट हो गए थे।

ज़ेलेंस्की की मांग पर भी चेतावनी

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बार-बार मांग की है कि पश्चिमी शक्तियां यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन लागू करें ताकि अधिक रूसी हमलों को रोका जा सके।
इस पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि मास्को, यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन लगाने वाले किसी भी देश को सैन्य संघर्ष में प्रवेश करने पर विचार करेगा।

क्या है नो फ्लाई जोन घोषित करने के पीछे की रणनीति? 

दरअसल, अगर नाटो सदस्य देश या कोई भी देश यूक्रेन पर नो-फ्लाई जोन लगाने की घोषणा करता है तो यह भीषण युद्ध का आगाज हो सकता है। यह इसलिए क्योंकि नो फ्लाई जोन में अगर रूसी विमान हमला करने आते हैं तो उन पर नाटो सदस्य देश मिलकर टारगेट करेंगे। और फिर सीधे तौर पर ये देश रूस से टकराहट करने के बाद आमने-सामने होंगे। जिसका नतीजा यह होगा कि रूस से इनको सीधे युद्ध करना होगा। 

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