सऊदी अरब में पहली बार 81 लोगों को एक साथ एक ही दिन मौत की सजा, चरमपंथियों से जुड़े थे हत्या के दोषी

81 convicted Death Sentenced in Saudi : सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया, उनमें महिलाओं, बच्चों और निर्दोषों की हत्या के आरोपी थे। इनमें से कुछ आतंकी संगठन अल कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के सदस्य थे। कुछ यमन के हूती विद्रोहियों के भी समर्थक थे। 

रियाद। सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने शनिवार को एक साथ 81 अपराधियों को सामूहिक रूप से मौत की सजा दी। यह सभी हत्या या फिर चरमपंथी समूहों से जुड़ाव रखने के दोषी थे। आधुनिकता की दौड़ में तेजी से दौड़ रहे सऊदी अरब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ एक ही दिन में इतने लोगों को सामूहिक रूप से मृत्युदंड दिया गया हो। सऊदी अरब की सरकार नियंत्रित मीडिया ने यह जानकारी दी, लेकिन यह नहीं बताया कि यह सजा दी कहां गई। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले जनवरी 1980 में मक्का की बड़ी मस्जिद से संबंधित बंधक मामले में दोषी 63 लोगों को मौत की सजा दी गई थी। जनवरी 2016 में एक शिया धर्मगुरु समेत 47 लोगों और 2019 में 37 लोगों का सिर कलम कर दिया गया था। इनमें से ज्यादातर शिया समुदाय के थे। 

सऊदी में सिर कलम करना अब तक जारी 
सऊदी अरब में आधुनिकता के लिए तमाम नए कानून बने हैं। यहां महिलाएं अब ड्राइविंग कर सकती हैं। कई अन्य बैन भी हटाए गए हैं, लेकिन सिर कलम करने की प्रथा अभी जारी है। हालांकि, कोविड 19 के दौरान सऊदी अरब में मौत की सजा काफी हुई थीं, लेकिन यह पूरी तरह से थमा नहीं है। 

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निर्दोषों की हत्या के दोषी थे  
सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया, उनमें महिलाओं, बच्चों और निर्दोषों की हत्या के आरोपी थे। इनमें से कुछ आतंकी संगठन अल कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के सदस्य थे। कुछ यमन के हूती विद्रोहियों के भी समर्थक थे। हूती विद्रोहियों ने ही जनवरी में सऊदी अरब के ऑयल प्लांट में ड्रोन अटैक किया था। जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया, उनमें सउदी अरब के 73 और यमन के 7 नागरिक थे। दोषियों में से एक सीरिया का नागरिक भी था।  

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मानवाधिकार संगठनों ने की आलोचना

इतनी बड़ी संख्या में मृत्युदंड के लिए मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब की आलोचना की है। लंदन के मानवाधिकार संगठन ‘रेप्रिव’ की उप निदेशक सोरया बाउवेन्स ने कहा- ‘दुनिया को अब तक पता चल जाना चाहिए कि जब मोहम्मद बिन सलमान ने सुधार का वादा किया है तो रक्तपात होना तय है। ‘यूरोपियन सऊदी आर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट’ के निदेशक अली अदुबसी ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया उन्हें प्रताड़ित किया गया और गुपचुप तरीके से मुकदमा चलाया गया। हालांकि, सऊदी अरब का कहना है कि दोषियों को सरकार की तरफ से वकील की सुविधा दी गई थी। 

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