
Shubhanshu Shukla Return: भारत के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला धरती पर लौट आए हैं। स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने सफल लैंडिंग की है। शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री 18 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद लौटे हैं। प्रशांत महासागर के पानी में उतरने से पहले ड्रैगन यान के पैराशूट खुले। इससे अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आया कैप्सूल धीरे-धीरे नीचे आया।
शुभांशु शुक्ला के साथ ड्रैगन अंतरिक्षयान में कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोज उज्नान्स्की (पोलैंड), और टिबोर कापू (हंगरी) भी सवार थे। 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी उन्होंने करीब 23 घंटे में पूरी की। ड्रैगन यान पृथ्वी के वायुमंडल में 27,000 km/h से अधिक की गति से आगे बढ़ा। इससे यान का बाहरी सतह बहुत अधिक गर्म हो गया। अंतरिक्ष यान को इस गर्मी को सहने लायक बनाया जाता है। उसपर गर्मी रोधी कवच लगाए जाते हैं। इसने यान के अंदर मौजूद इंसानों को बचाया। धरती के करीब आने पर अंतरिक्ष यान के पैराशूट खुले और यह धीरे-धीरे नीचे आया। अंतरिक्ष यान के नीचे आने पर कैलिफोर्निया के ऊपर सोनिक बूम सुनाई दिया।
शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन का हिस्सा थे। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल के सदस्य प्रशांत महासागर में उतरे।
शुभांशु शुक्ला के सुरक्षित धरती पर आने से उनके माता-पिता बेहद खुश नजर आए। उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह रहे थे। उन्होंने ताली बजाकर इस ऐतिहासिक पल का जश्न मनाया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुभांशु शुक्ला के धरती पर लौटने पर कहा, "भारत ने आज अंतरिक्ष की दुनिया में सचमुच एक स्थायी स्थान प्राप्त कर लिया है। यह भारत के लिए गौरव का पल है। हमारा एक यशस्वी पुत्र सफल यात्रा पूरी करके वापस लौटा है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी का स्वागत किया। X पर उन्होंने पोस्ट किया, "मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।"
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