श्रीलंका में रोटी-दवा-बिजली के लिए हाहाकार, जनाक्रोश दबाने के लिए सेना उतारी गई, इमरजेंसी का ऐलान

श्रीलंका में स्थितियां बेकाबू हो चुकी हैं। खाने के सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं। देश में ब्लैक आउट की स्थिति है। दवाओं की कमी से डॉक्टर्स ने सर्जरी रोक दी है। ईधन की कमी से यातायात ठप हो चुका है। हर ओर हाहाकार है। 

Dheerendra Gopal | Published : Apr 1, 2022 8:11 PM IST

कोलंबो। आर्थिक तंगी की वजह से श्रीलंका में जनता सड़क पर उतर कर विरोध कर रही है। महंगाई के आसमान छूने से पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गुरुवार को राष्ट्रपति के आवास पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के धावा बोलने के बाद पूरे देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया गया है। राष्ट्रपति ने सुरक्षा बलों को व्यापक अधिकार देते हुए इमरजेंसी की घोषणा की है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इमरजेंसी लगाने के साथ ही सेना और सुरक्षा बलों को स्पेशल पॉवर दे दिया है ताकि विरोधियों को बिना किसी केस के गिरफ्तार किया जा सके। 

आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए आपातकाल

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राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि देश में आपालकाल लगा दिया गया है। यह सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव के लिए किया गया है। 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से सबसे दर्दनाक मंदी से श्रीलंका गुजर रहा है। यहां करीब 22 मिलियन देशवासी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी, आसमान छूती महंगाई और बिजली कटौती का सामना कर रहे है। देश में बिजली नहीं हैं। ईधन की वजह से वाहनों का आवागमन ठप हो चुका है। खाने के सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं। 

पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा

पुलिस ने पश्चिमी प्रांत, जिसमें राजधानी कोलंबो भी शामिल है, में पिछली रात से नो-गो ज़ोन का विस्तार करते हुए रात का कर्फ्यू फिर से लागू कर दिया। दरअसल, लोग अपनी मांगों को लेकर लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार की शाम को भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कोलंबों की सड़कों पर प्रदर्शन किया। यह कार्यकर्ता तेल के दीये और स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने कहा कि नुवारा एलिया के पहाड़ी शहर में, कार्यकर्ताओं ने प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे की पत्नी शिरंथी द्वारा फूलों की प्रदर्शनी के उद्घाटन को रोक दिया। गाले, मतारा और मोरातुवा के दक्षिणी शहरों में भी सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन हुए, और उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में इसी तरह के प्रदर्शनों की सूचना मिली। सभी ने मुख्य सड़कों पर यातायात ठप कर दिया।

बीती रात राष्ट्रपति के आवास के सामने प्रदर्शन

गुरुवार की रात को राष्ट्रपति के आवास पर भी प्रदर्शन हुआ, जहां उग्र भीड़ की वजह से हिंसा की भी खबरें आईं। पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागने और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, हिंसक हो चुकी भीड़ ने दो सैन्य बसों, एक पुलिस जीप, दो गश्ती मोटरसाइकिल और एक तिपहिया वाहन में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर ईंट भी फेंकी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठीचार्ज किए। पुलिस ने कहा कि 53 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। लोकल मीडिया ने बताया कि पुलिस ने कई पत्रकारों को भी बेवजह हिरासत में लिया गया है।

आर्थिक रूप से बदहाल हो चुका है श्रीलंका

शुक्रवार को जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि कोलंबो में मुद्रास्फीति मार्च में 18.7 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो लगातार छठा मासिक रिकॉर्ड है। खाद्य कीमतों में रिकॉर्ड 30.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कोलंबो ने मार्च 2020 में आयात पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया ताकि विदेशी मुद्रा को बचा सके और अपने 51 बिलियन डॉलर के कर्ज को चुका सके।

 

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