श्रीलंका में रसोई गैस की किल्लत से कुछ राहत, 3700 मीट्रिक टन एलपीजी की पहली खेप पहुंची

श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मूलभूत आवश्यकताओं तक के लिए लोग परेशान हैं। बिजली, ईंधन, खाद्यान्न ही नहीं दवाईयों तक का संकट लोगों को भयंकर ढंग से झेलना पड़ रहा है।

कोलंबो। आर्थिक संकट की वजह से ईंधन, राशन और अन्य आवश्यक सामानों की कमी से जूझ रहे श्रीलंका के लिए अच्छी खबर है। रसोई गैस की किल्लत को दूर करने के लिए 3700 मीट्रिक टन एलपीजी की पहली खेप पहुंच चुकी है। 11 और 15 जुलाई को भी दूसरी व तीसरी खेप पहुंचेगी। हालांकि, एलपीजी की किल्लत से जूझ रहे देश में पहली खेप आने के बाद भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। 

राष्ट्रपति अज्ञात जगह से दे रहे आदेश

Latest Videos

राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने देश में पहुंची रसोई गैस की पहली खेप के सुचारू वितरण के लिए आदेश दिया है। राष्ट्रपति अज्ञात स्थान से शासन चला रहे हैं। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि 3,700 मीट्रिक टन एलपी गैस मिलने के बाद रसोई गैस का सुचारू वितरण सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों की परेशानियां कुछ कम हो। बता दें कि पिछले कई महीनों से लोग मूलभूत आवश्यकताओं से जूझ रहे हैं। रसोई गैस की किल्लत से परेशान लोग सड़कों पर आंदोलित हैं।

केरावलपिटिया में पहुंचा रसोई गैस लदा जहाज

रविवार को दोपहर केरावलपिटिया में पहला जहाज पहुंचाा है। इस पर करीब 3700 मिट्रिक टन रसोई गैस लोड है। श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार, 3,740 मीट्रिक टन गैस ले जाने वाला दूसरा जहाज 11 जुलाई को है और तीसरा 3,200 मीट्रिक टन गैस 15 जुलाई को आएगा।

शनिवार को राष्ट्रपति आवास पर हो गया था कब्जा

इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों प्रदर्शनकारी शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास में घुस गए। इसके बाद राष्ट्रपति को वहां से भागना पड़ा। लगातार गहरा रहे संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ऑल पार्टी सरकार की पेशकश को स्वीकार करते हुए अपना इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघ के आवास में घुसकर आग लगा दी और वाहनों को भी फूंक दिया। देर रात तक प्रदर्शनकारियों का तांडव जारी रहा। 

राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री पद छोड़ने को राजी 

लगातार विरोध के बाद, राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को सूचित किया था कि वह 13 जुलाई को पद छोड़ देंगे, जबकि शनिवार को ही प्रधान मंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि जैसे ही सर्वदलीय सरकार सत्ता संभालने के लिए तैयार होगी, वह इस्तीफा दे देंगे। राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष कार्यवाहक अध्यक्ष बनेंगे। बाद में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सांसदों के बीच चुनाव कराया जाएगा। राष्ट्रपति राजपक्षे का वर्तमान ठिकाना फिलहाल अज्ञात है। शनिवार को, श्रीलंकाई नौसेना के जहाज पर सूटकेस लोड किए जाने का वीडियो सामने आया। स्थानीय मीडिया का दावा है कि सूटकेस राष्ट्रपति राजपक्षे के थे।

गंभीर संकट से जूझ रहा देश, 51 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज

22 मिलियन लोगों का देश एक गंभीर विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है, जिसने ईंधन, भोजन और दवा के आवश्यक आयात को सीमित कर दिया गया है। पिछले सात दशकों में सबसे खराब वित्तीय उथल-पुथल है। कई लोग देश की खराब स्थिति के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मार्च के बाद से बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों ने उनके इस्तीफे की मांग की है। हाल के हफ्तों में असंतोष और बढ़ गया है क्योंकि नकदी की कमी वाले देश ने ईंधन शिपमेंट प्राप्त करना बंद कर दिया है, स्कूलों को बंद करने और आवश्यक सेवाओं के लिए पेट्रोल और डीजल की राशनिंग के लिए मजबूर किया है। उधर, श्रीलंका अपनी खराब वित्तीय स्थिति की वजह से 2026 तक चुकाए जाने वाले 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर्ज में से इस साल की किश्त सात बिलियन अमेरिकी डॉलर को चुकाने में असफल रहा। देश का कुल विदेशी कर्ज करीब 51 अरब डॉलर है।  

यह भी पढ़ें:

श्रीलंका में बेकाबू भीड़ ने पीएम रानिल बिक्रमसिंघे के आवास में लगाई आग, स्थितियां हो गई बेकाबू

श्रीलंका में हिंसा Live Update: गोटाबया ने अज्ञात स्थान से संभाला शासन, पीएम के घर को आग के हवाले करने वाले तीन अरेस्ट

बर्बाद श्रीलंका में खाने का संकट, लोग सड़कों पर, राष्ट्रपति फरार, बिना नेता के कैसे चलेगा देश?

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi