
Su57 vs F-35: दुनियाभर के कई देश रूस के SU-57 और अमेरिका के F-35 फाइटर जेट खरीदना चाहते हैं। पांचवी पीढ़ी के ये स्टील्थ फाइटर जेट सभी की पसंद बने हुए हैं। अफ्रीकी देश अल्जीरिया जहां रूस का सुखोई-57 खरीदने जा रहा है, वहीं मोरक्को अब अमेरिका से F-35 फाइटर जेट खरीदना चाहता है। इन दोनों लड़ाकू विमानों में कौन ज्यादा ताकतवर है। आखिर किसकी क्या खूबी है, जानते हैं।
सुखोई-57 रूस की सुखोई कंपनी द्वारा डेवलप एक डबल इंजन वाला स्टील्थ फाइटर जेट है। ये लड़ाकू विमान हवाई युद्ध के साथ-साथ जमीनी और समुद्री हमले में सक्षम है। पहला Su-57 दिसंबर 2020 में रूसी एयरोस्पेस फोर्सेस में शामिल हुआ। वहीं, अमेरिका का F-35 लाइटनिंग II लॉकहिड मार्टिन द्वारा डेवलप सिंगल इंजन वाला मल्टीरोल सुपरसोनिक स्टील्थ स्ट्राइक लड़ाकू विमान है। इसे एयर सुपीरियॉरिटी और स्ट्राइक मिशन के लिए डिजाइन किया गया है। ये इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही क्षमताओं से लैस है।
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रूस का सुखोई-57 यह AESA रडार के अलावा मॉर्डन एवियोनिक्स से लैस है। Su-57 में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें जैसे आर-77 एम, आर-74एम2 और आर-37 लगाई जा सकती हैं। इसके अलावा इसमें हवा से सतह और जहाजरोधी मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। इसमें हाइपरसोनिक वेपंस और 30mm ऑटो-कैनन हैं। ये भारी पेलोड ले जाने में भी सक्षम है।
अमेरिका का F-35 लाइटनिंग II AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और डेटा फ्यूजन टेक्नीक से लैस है, जो इसे दुश्मन के रडार से बखूबी बचाता है। इसमें एवियोनिक्स, सुपरक्रूज़, और वर्टिकल टेकऑफ (F-35B वर्जन) की क्षमता है। इसे एक "आक्रामक" लड़ाकू विमान के रूप में डिजाइन किया गया है, जो दुश्मन की हवाई सुरक्षा को भेदने और दुश्मन की प्रणालियों को बाधित करने का काम करता है।
रूस के SU-57 की बात करें तो इसकी लंबाई 65 फीट से भी ज्यादा है, जबकि अमेरिका के F-35 की लेंथ 51 फीट के करीब है। ऊंचाई की बात करें तो सुखोई-57 15 फीट लंबा है, जबकि अमेरिका का एफ-35 14 फीट से थोड़ा ज्यादा है। स्पीड में भी रूस का लड़ाकू विमान बाजी मार लेता है। इसकी अधिकतम स्पीड 2135 किमी/घंटा है, जबकि एफ-35 की 1960 किमी/घंटा है।
अगर आप अत्यधिक सुरक्षित हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने और विवादित क्षेत्रों में शक्ति प्रक्षेपण के लिए एक सेंसर-रिच लडाकू विमान चाहते हैं तो अमेरिका का एफ-35 बेहतर है। वहीं, अगर आपको एयर सुपीरियॉरिटी, डिफेंसिव मिशन और कॉस्ट इफेक्टिव ऑपरेशन के लिए एक तेज, अधिक चुस्त लड़ाकू विमान की जरूरत है तो रूस का SU-57 बेहतर रहेगा।
बता दें कि भारत के पास फिलहाल सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान फ्रांस का राफेल है, जो कि चौथी पीढ़ी का है। वहीं, चीन पहले ही 5th जनरेशन के लड़ाकू विमान बना चुका है और वो इन्हें पाकिस्तान को भी देने की तैयारी में है। ऐसे में भारत के लिए बेहद जरूरी है कि वो रूस या फिर अमेरिका से पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट खरीदकर अपनी वायुसेना को और ज्यादा मजबूत करे। फिलहाल भारत के पास रूस के सुखोई 30 MKI लड़ाकू विमान हैं।
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