तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने नई सरकार के बारे में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी है।
काबुल। अफगानिस्तान में नई सरकार का ऐलान हो गया है। तालिबान सरकार का प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को बनाया गया है। वह तालिबान के सरगना का खास माना जाता है। जबकि अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है। तालिबान सरकार में सिराज हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री बनाया गया है। वह ग्लोबल टेररिस्ट है और उस पर पचास लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित है। तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्रालय दिया गया है।
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने नई सरकार के बारे में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी है।
कौन हैं मुल्ला हसन अखुंद?
मुल्ला हसन तालिबान के रहबरी शूरा के मुखिया हैं। तालिबान की जन्मस्थली कंधार ही हसन की जन्मस्थली है। तालिबान के संस्थापक सदस्यों में रहे मुल्ला हसन को हेबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी माना जाता है। तालिबान की 1996 की पिछली सरकार में हसन विदेश मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर के पद पर थे।
मुल्ला उमर का बेटा संभालेगा रक्षा मंत्रालय
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला याकूब नई सरकार में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेगा। याकूब मुल्ला हेबतुल्ला का छात्र रहा है।
ग्लोबल आतंकवादी को तालिबान सरकार में होम मिनिस्ट्री
तालिबान की नई सरकार में वैश्विक आतंकवादी घोषित हुआ सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया जा सकता है। सोवियत यूनियन के खिलाफ तालिबान की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है सिराजुद्दीन हक्कानी। उसे भी अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर रखा है। एफबीआई की वेबसाइट के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सिराजुद्दीन हक्कानी पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ईनाम रखा हुआ है। अमेरिकी एजेंसियों के अनुसार वह पाकिस्तान में शरण लिए हुए है। हक्कानी का अलकायदा से भी सीधे संबंध है। काबुल के एक होटल में 2008 में हुए आतंकी हमले में सिराजुद्दीन हक्कानी वॉन्टेड रहा है। इस हमले में एक अमेरिकी नागरिक समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा उसने अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश भी रची थी।
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