दिल्ली में तालिबान का डिप्लोमैट! क्या है भारत-अफगानिस्तान के बीच नया ‘सीक्रेट मिशन’?

Published : Nov 03, 2025, 08:51 AM IST
taliban diplomat in delhi india afghanistan ties

सार

Taliban in Delhi? क्या भारत अब तालिबान से सीधी बातचीत की दिशा में कदम बढ़ा रहा है? नई दिल्ली में अफगान डिप्लोमैट की नियुक्ति दक्षिण एशिया की कूटनीति में बड़ा बदलाव साबित हो सकती है। क्या यह नई साझेदारी या पुरानी दूरी का अंत है?

नई दिल्ली। भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। खबर है कि तालिबान सरकार जल्द ही नई दिल्ली में एक डिप्लोमैट नियुक्त करने की तैयारी में है। यह कदम अगस्त 2021 के बाद पहली बार उठाया जा रहा है, जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता संभाली थी। यह सिर्फ एक कूटनीतिक कदम नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति में एक बड़ा संकेत भी है।

क्या भारत तालिबान को अप्रत्यक्ष रूप से मान्यता दे रहा है?

भारत ने अभी तक तालिबान की सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है, लेकिन हाल के कदम कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। भारत ने काबुल में अपने "टेक्निकल मिशन" को दूतावास स्तर तक अपग्रेड करने की घोषणा की है। साथ ही भारत ने तालिबान द्वारा भेजे गए डिप्लोमैट्स को मान्यता देने पर भी सहमति जताई है। यह संकेत देता है कि भारत शायद धीरे-धीरे तालिबान के साथ अपने संबंधों को एक नए आयाम पर ले जाने की तैयारी कर रहा है।

मुत्ताकी के दौरे के बाद क्यों बदली कूटनीतिक हवा?

पिछले महीने अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर आए थे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच एक नए विश्वास की शुरुआत मानी जा रही है। मुत्ताकी की यात्रा के दौरान भारत ने मानवीय सहायता और मेडिकल सप्लाई देने का वादा दोहराया, जिससे भारत ने फिर साबित किया कि वह अफगानिस्तान का भरोसेमंद पार्टनर बना हुआ है। तालिबान के प्रवक्ता ने भारत को 16 टन से ज्यादा दवाओं के लिए सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया। यह सिर्फ एक मेडिकल सहयोग नहीं बल्कि भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों में “विश्वास” की नई नींव रखता है।

क्या तालिबान भारत के करीब और पाकिस्तान से दूर जा रहा है?

दिलचस्प बात यह है कि मुत्ताकी के दौरे से कुछ ही दिन पहले तालिबान ने जम्मू-कश्मीर पर भारत की संप्रभुता का समर्थन किया था। यह बयान कई अंतरराष्ट्रीय हलकों में चर्चा का विषय बन गया। वहीं, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सीमा विवाद के चलते हाल ही में तनाव बढ़ गया था।

ऐसे में सवाल उठता है-

  • क्या तालिबान भारत के साथ नए रिश्ते बनाना चाहता है?
  • या यह पाकिस्तान से दूरी बनाने की रणनीति है?

दक्षिण एशिया में बदलता समीकरण

भारत की बढ़ती सक्रियता और अफगानिस्तान की ओर झुकाव यह संकेत देता है कि दक्षिण एशिया में नई कूटनीतिक दिशा बन रही है। भारत ने पिछले तीन वर्षों से बिना औपचारिक मान्यता दिए तालिबान से संवाद बनाए रखा है और अब जब दोनों देश "चार्ज डी’अफेयर्स" नियुक्त करने जा रहे हैं, तो यह तय है कि रिश्ते अब सिर्फ “सहयोग” से आगे बढ़कर “विश्वास” के स्तर तक पहुंच रहे हैं।

क्या से कोई बड़ा संकेत है?

नई दिल्ली में तालिबान डिप्लोमैट की मौजूदगी आने वाले महीनों में एशिया की राजनीति का समीकरण बदल सकती है। यह कदम भारत की “बैलेंस्ड डिप्लोमैसी” का हिस्सा है-जहां भारत एक ओर अपने वैश्विक साझेदारों को खुश रख रहा है, वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान के साथ एक नया भरोसेमंद रिश्ता भी बना रहा है।

 

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

13 लोगों के हत्यारे को पीड़ित के 13 वर्षीय रिश्तेदार ने 80 हजार लोगों के सामने दी फांसी
दिल्ली में पुतिन का पावर शो! मोदी-पुतिन मुलाकात में क्या हुआ? देखिए अंदर की शानदार तस्वीरें