गुल आगा शेरजई, तालिबान के खिलाफ लड़ाई में वे CIA के प्रमुख सहयोगी थे। कंधार का गवर्नर रहते हुए उन्होंने तालिबान के खात्मे में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब यहां सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। दूसरी तरह पंजशीर इलाके पर कब्जा करने के लिए तलिबान लड़ाके तैयार हैं। मंगलवार को तलिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का गठन करते हुए कई मंत्रियों के नाम की घोषणा की है। किसी समय तलिबान के विरोधी रहे गुल आगा शेरजई को अफगानिस्तान का वित्तमंत्री बनाया गया है। शेरजई कंधार और नंगरहार के गवर्नर रहे हैं औऱ तलिबान के खात्मे के लिए लड़ाई लड़ते रहे हैं।
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उच्च शिक्षा मंत्री का भी किया ऐलान
तालिबान के कब्जे के बाद सबसे ज्यादा चर्चा महिलाओं की शिक्षा को लेकर है। इसी बीट तलिबान ने मुल्ला सखाउल्लाह को कार्यवाहक शिक्षा मंत्री और अब्दुल बारी को उच्च शिक्षा मंत्री घोषित किया है। सद्र इब्राहिम को अंतरिम गृह मंत्री बनाया गया है। मुल्ला शिरीन को काबुल का गवर्नर और हमदुल्ला नोमानी को काबुल का मेयर घोषित किया गया है।
कौन हैं गुल आगा शेरजई
बताया जाता है कि तालिबान के खिलाफ लड़ाई में वे CIA के प्रमुख सहयोगी थे। कंधार का गवर्नर रहते हुए उन्होंने तालिबान के खात्मे में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उनके द्वारा कराए गए सड़क निर्माण काम के कारण उन्हें अफगानिस्तान का बुलडोजर भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुल आगा शेरजई ने रविवार को तालिबान के कई वरिष्ठ नेताओं के सामने वफादारी की कसम खाई थी। तालिबान ने भी भरोसा दिया है कि वो उन्हें नई सरकार में बड़ा पद देगा।
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पाकिस्तान से समर्थन
तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा के दौरान पाकिस्तान के आतंकियों का भी खूब समर्थन प्राप्त रहा है। पाक समर्थित आतंकियों ने अफगानिस्तान को जीतने में तालिबानियों की ओर से कई जगहों पर लड़ाई भी लड़ी। अब तालिबान इनकी मदद कर सकता है जोकि भारत या अन्य मुल्कों के लिए खतरा बन सकते हैं। तालिबान को मिले अमेरिकी हथियारों को पाक समर्थित आतंकियों को भी मिला तो वह भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे।