सार

कुछ अधिकारियों का मानना है कि तालिबान की जीत के बाद अगर पाकिस्तान में आईएसआई समर्थित आतंकी संगठनों को अमेरिकी हथियार मिल जाते हैं तो वह इसका भारत पर प्रयोग करने के पहले पाकिस्तान में भी हिंसा फैलाने के लिए कर सकते हैं। 

काबुल। अफगानिस्तान में अमेरिकी की कमजोर हो चुकी पकड़ और तालिबान के लगातार ताकतवर होने के बाद पड़ोसी देशों में आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होते ही तालिबान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के हथियारों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि बड़ी मात्रा में अमेरिकी सैनिकों के अत्याधुनिक हथियारों को तालिबान ने हथिया भी लिया है। 

तालिबान कर सकते हैं पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की मदद

दरअसल, तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा के दौरान पाकिस्तान के आतंकियों का भी खूब समर्थन प्राप्त रहा है। पाक समर्थित आतंकियों ने अफगानिस्तान को जीतने में तालिबानियों की ओर से कई जगहों पर लड़ाई भी लड़ी। अब तालिबान इनकी मदद कर सकता है जोकि भारत या अन्य मुल्कों के लिए खतरा बन सकते हैं। तालिबान को मिले अमेरिकी हथियारों को पाक समर्थित आतंकियों को भी मिला तो वह भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे। 

भारत में बढ़ सकता है घुसपैठ

माना जा रहा है कि तालिबान का बैकअप मिलने के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी या आईएसआई समर्थित लोग भारत में घुसपैठ तेज कर सकते हैं। हालांकि, कुछ अधिकारियों का मानना है कि तालिबान की जीत के बाद अगर पाकिस्तान में आईएसआई समर्थित आतंकी संगठनों को अमेरिकी हथियार मिल जाते हैं तो वह इसका भारत पर प्रयोग करने के पहले पाकिस्तान में भी हिंसा फैलाने के लिए कर सकते हैं। 

बड़ी संख्या में अमेरिकी हथियारों को तालिबान ने है लूटा

तालिबानियों ने अमेरिका से बड़ी संख्या में हथियारों को लूटा है। इनमें से पांच लाख एम-16, एम-4 असॉल्ट रायफल्स, मशीन गन, 50 कैलिबर हथियार और अन्य बहुत से अत्याधुनिक हथियार। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्नाइपर रायफल्स, बुलेट्स, बुलेट प्रूफ जैकेट्स भी तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों से लूटे हैं। साथ ही तालिबान को अमेरिकी सैनिकों के दो हजार से अधिक आर्म्ड व्हीकल, हेलीकॉप्टर, ड्रोन व अन्य सैन्य उपकरण भी हाथ लगे हैं। 

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