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Taliban is Back: चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना, अफगानिस्तान छोड़ते लाचार कदम-मायूस बचपन
काबुल. ये तस्वीरें अफगानिस्तान के काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Hamid Karzai International Airport) की हैं। यहां से रोज सैकड़ों अफगानी और दूसरे देशों के लोग एयरलिफ्ट किए जा रहे हैं। जिनकी आधी-पूरी जिंदगी इसी देश में गुजरी; उन्हें अपना सबकुछ छोड़कर यहां से जाना एक ऐसा सदमा है, जो कभी नहीं भरेगा। मंगलवार को काबुल से 78 लोगों को लेकर एयर इंडिया का विमान भारत के लिए निकला। बड़ी संख्या में अफगानी परिवार भी अपना मुल्क छोड़ रहे हैं, क्योंकि वे Taliban को पसंद नहीं करते या कभी नाटो-अमेरिकी सेना की मदद की थी। देखें कुछ तस्वीरें..
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पहली तस्वीर काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फ्लाइट के इंतजार में खड़े एक अफगानी परिवार की है। जैसे ही बच्चों को विमान दिखा, वे इशारा करके उछल पड़े। लेकिन पिता के चेहरे पर मायूसी थी। दूसरी तस्वीर भारतीयों को काबुल से निकालने के दौरान की है।
तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे अफगानी सिख सिर पर गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर निकले। अफगानिस्तान ने बीते सालों में जो कुछ विकास हासिल किया था, उसमें वहां रहने वाले सिखों का बड़ा योगदान रहा।
Taliban के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने का सिलसिला जारी है। आज 78 लोगों को लेकर एयर इंडिया का AI-1956 विमान तजाकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे से उड़ान भरके भारत को निकला। इनमें 25 भारतीय हैं।
(अफगानिस्तान छोड़कर आ रहे लोगों की भारतीय टीम पूरी मदद कर रही है)
अफगानिस्तान से भारतीयों को लेकर निकला एयरइंडिया का विमान। हर देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
यह तस्वीर सोमवार को सोशल मीडिया(social media) पर वायरल हुई थी। धर्म इसे कहते हैं। Taliban जिस धर्म की बात करता है, उसमें मानवीय गुण बिलकुल नहीं है। ये तस्वीर भारत आए अफगान सिखों की है, जिन्होंने अपना सबकुछ छोड़ दिया, लेकिन पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को सिर आंखों पर बैठाए रखा। यह तस्वीर काबुल एयरपोर्ट पर किसी ने खींची थी।
यह तस्वीर काबुल से निकलकर वाशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे अफगानी परिवार की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि जिन अफगानी परिवारों ने युद्ध में उनका साथ दिया, वे उसे शरण देंगे।