
काबुल.अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban, Afghanistan) के कब्जे के बाद से ही वहां अफरा-तफरी का माहौल है। हजारों लोग देश छोड़कर भागने को मजबूर हैं। काबुल एयरपोर्ट (Kabul airport) पर भारी भीड़ जमा है। लेकिन कई देशों ने उन्हें जगह देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
10000 से अधिक लोग हवाई अड्डे पर जमा
काबुल हवाई अड्डे के रनवे के पास मौजूद अमेरिकी सेना ने बताया कि करीब 10000 लोग यहां से जाने को तैयार बैठे हैं, लेकिन अब उन्हें कहीं नहीं ले सकते हैं। कतर ने और अफगानों को अपने देश में जगह देने से मना कर दिया है। अमेरिका सेना का कहना है कि किसी को तो आगे आना होगा।
भीड़ को नियंत्रण करने फायरिंग तक कर रही सेना
शुक्रवार को काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ को काबू में करने अमेरिकी सेना ने हवाई फायरिंग (Firing) कर दी। इससे लोग भागने लगे। महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर घबरा गईं। बच्चे रोने लगे। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल हवाईअड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहे अफगानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सैन्य कर्मियों ने शुक्रवार को आंसू गैस भी छोड़ी।
तालिबान की वेबसाइट बंद
फेसबुक के बाद यूट्यूब भी तालिबान को आतंकी संगठन मानता है। तालिबान पर यूएस ने बैन लगा रखा है। शुक्रवार को तालिबान की वेबसाइट बंद हो गई। यह 5 भाषाओं-पश्तो, उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और दारी भाषाओं में है। हालांकि समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) के अनुसार, यह अस्थायी हो सकता है। हालांकि तालिबान की twitter अकाउंट चालू है।
भारतीयों को लेकर पहुंचा विमान
इस बीच भारतीय वायुसेना का विमान सी-130जे 85 भारतीयों को लेकर भारत के लिए उड़ा। इसकी रिफ्यूलिंग के लिए ताजिकिस्तान में लैंडिंग करानी पड़ी थी। मानवीय संकट के मद्देनजर ब्रिटेन, कनाडा आदि देशों ने अफगान शरणार्थियों के लिए पुनर्वास योजनाओं की घोषणा कर रखी है। लेकिन कई देश उन्हें सिर्फ अस्थायी शरण देने पर राजी हुए हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते, IAF C-17 के भारी-भरकम परिवहन विमान के जरिये काबुल से लगभग 150 लोगों को वापस लाया गया था। इनमें भारतीय राजदूत टंडन, भारतीय राजनयिक, अधिकारी, सुरक्षाकर्मी और कुछ फंसे हुए भारतीय शामिल थे।
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