बर्बर तालिबानः बुर्का नहीं पहना तो कर दी बच्ची की हत्या, अब अफगानिस्तान के मीडिया हेड को मारा

तालिबान का दुस्साहस लगातार बढ़ता ही जा रहा है। तालिबानियों ने अफगानिस्तान सरकार के मीडिया एवं सूचना निदेशक दावा खान मेनपाल की हत्या कर दी है। सशस्त्र बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2021 1:00 PM IST / Updated: Aug 06 2021, 06:34 PM IST

काबुल। तालिबान (Taliban) का दुस्साहस लगातार बढ़ता ही जा रहा है। तालिबानियों ने अफगानिस्तान (Afghanistan) सरकार के मीडिया एवं सूचना निदेशक दावा खान मेनपाल की हत्या कर दी है। सशस्त्र बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी है। तालिबान ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। यह हत्या तालिबान द्वारा काबुल में रक्षा मंत्री के घर पर हमले के कुछ दिनों बाद हुई है। 

तालिबान बोला- अफगानिस्तान के मीडिया प्रमुख को दिया दंड

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दावा खान की मौत को लेकर कहा है कि दावा को उसके कार्यों के लिए दंडित किया गया है। किसी भी ऐसे व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा जो विरोधी कार्याें में लिप्त हो। 

अफगाान सरकार का स्टैंड ले रहे थे दावा खान 

दरअसल, दावा लगातार अफगान सरकार की बातों और स्टैंड को ट्वीट किया करते थे। दावा खान हालिया दिनों में पाकिस्तानी छद्म युद्ध के खिलाफ बहुत बोल रहे थे। दावा खान अफगान सरकार के पूर्व प्रवक्ता रहे हैं।

गृहमंत्रालय ने कहाः क्रूर आतंकियों ने दिखाई कायरता

अफगानिस्तान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइस स्टानिकजई ने दावा की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा, ‘क्रूर आतंकियों ने एक बार फिर कायरतापूर्ण काम किया है। एक देशभक्त अफगान को शहीद कर दिया।‘

बर्बर अत्याचार दिखा रहा तालिबान

अफगानिस्तान में तालिबान की बर्बरता लगातार चल रही है। पिछले दिनों तालिबान ने एक बच्ची को बुर्का न पहनने के लिए मौत का घाट उतार दिया था। पिछले ही हफ्ते तालिबान ने मशहूर अफगान कॉमेडियन की हत्या कर दी थी। 5 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रसिद्ध कवि और इतिहासकार अब्दुल्ला आतिफी की हत्या कर दी थी। इसके पहले भारतीय पत्रकार दानिश सिद्धिकी की हत्या कर दी गई। 

सरकार का मनोबल तोड़ने के लिए आम लोगों को बना रहा निशाना

तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों के साथ ही आम लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं। तालिबान ने पूर्वोत्तर प्रांत तखर सहित कई जिलों पर कब्जा कर लिया है। तालिबान 100 से अधिक डिस्ट्रिक सेंटर्स पर कब्जा कर चुकी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि 34 प्रांतीय राजधानियों में से 17 को तालिबान से सीधे तौर पर खतरा है।
 

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