तालिबान ने 18 पाक सैनिकों को मार गिराया, चौकियों पर कब्ज़ा, कौन बढ़ा रहा तनाव? जानिए लेटेस्ट अपडेट

Published : Oct 12, 2025, 09:29 AM ISTUpdated : Oct 12, 2025, 11:21 AM IST
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सार

Taliban Pakistan Border Clash Update: सीमा पर तालिबान और पाकिस्तानी सेना की भिड़ंत ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। 18 सैनिकों की मौत, कई चौकियों पर कब्ज़ा,  TDP का अगला कदम किसका क्या होगा? क़तर ने शांति और कूटनीति का आह्वान किया।

Taliban Pakistan Border Clash: पिछले हफ्ते काबुल में पाकिस्तान के कथित हवाई हमलों के बाद तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच डूरंड रेखा पर भीषण झड़पें शुरू हो गई हैं। अफ़ग़ानिस्तान की खालिद बिन वालिद आर्मी कोर ने बताया कि तालिबान बलों ने कई पाकिस्तानी चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया और 18 सैनिक मारे गए। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, यह झड़पें कुंनार, हेलमंद और पक्तिया जैसे प्रांतों में फैली हुई हैं। कई स्थानीय गांवों में गोलीबारी और विस्फोट की आवाज़ें सुनाई दीं, और लोग अपने घरों में छिपकर सुरक्षा तलाशने लगे।

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने बताया डिटेल

अफ़ग़ान तालिबान ने घोषणा की है कि उन्होंने सीमा पर सात बिंदुओं पर हमले किए हैं। एक बयान में, अफ़ग़ान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये अभियान "अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता के बार-बार उल्लंघन और पाकिस्तानी सेना द्वारा अफ़ग़ान क्षेत्र पर हवाई हमले के जवाब में" चलाए गए। तालिबान बलों ने कथित तौर पर खैबर पख्तूनख्वा और कंधार क्षेत्रों में एक पाकिस्तानी चौकी पर कब्ज़ा कर लिया और कई सैन्य वाहनों को ज़ब्त कर लिया। झड़पों के दौरान दो पाकिस्तानी सैनिकों को ज़िंदा पकड़ लिया गया।

तालिबान या पाकिस्तान- सीमा पर कौन पड़ रहा भारी?

अफ़ग़ान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख़ोवाराज़मी ने कहा कि तालिबान की यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा उनके हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तानी सेना ने फिर से सीमा का उल्लंघन किया तो कड़ा जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि उनके बल पूरी ताकत से जवाब दे रहे हैं, और कोई भी हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कौन सुरक्षित है और कौन खतरे में?

सोशल मीडिया पर चर्चा तेज़ हो गई कि तालिबान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया, जिनमें प्रमुख नूर वली महसूद भी शामिल हैं। हालांकि अफ़ग़ान अधिकारियों ने पुष्टि की कि महसूद सुरक्षित हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सीमा तनाव पिछले कुछ वर्षों में सबसे गंभीर है। तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच रिश्तों की नाज़ुकता और अस्थिरता साफ़ दिखाई दे रही है।

क्या क़तर की चेतावनी समय पर आई?

क़तर ने तुरंत दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के ज़रिए मतभेद सुलझाने का आह्वान किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते तनाव का न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए भी खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दोनों पक्ष आपसी आरोप-प्रत्यारोप और हथियारबंद कार्रवाई जारी रखते हैं, तो यह सीमा विवाद नए और बड़े संकट की ओर बढ़ सकता है।

स्थानीय लोगों की स्थिति

पक्तिया और पक्तिका जैसे प्रांतों में रहने वाले लोग भय और असुरक्षा में हैं। कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। स्थानीय स्रोतों के अनुसार, कई चौकियों और सैन्य ठिकानों को तालिबान द्वारा नष्ट किया गया और कई हथियार और वाहन तालिबान के कब्जे में आ गए।

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