यहां महिलाओं को बना दिया जाता है सेक्स स्लेव, बेटियों को बचाने के लिए सुटकेस में बंद रखती है मां

महिला पॉलिटिशियन शुक्रिआ के अनुसार, जब से महिलाएं घर के बाहर जाने लगती हैं उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। तलिबान हर तरफ महिलाओं पर नजर रखता है।

Pawan Tiwari | Published : Aug 14, 2021 10:22 AM IST

वर्ल्ड डेस्क. एक तरफ अफगानिस्तान में तलिबान का दायरा बढ़ता जा रहा है। तो दूसरी तरफ यहां महिलाओं पर कई तरह की बंदिशें हैं। इस देश में महिलाओं की स्थिति काफी खराब है। यहां छोटी सी गलती में महिलाओं को बहुत ही खतरनाक सजा दी जाती है। इसके अलावा यहां उन्हें सेक्स स्लेव (Sex Slave) बनाकर रखा जाता है। इस बात का खुलासा खुद यहां कि एक महिला पॉलिटिशियन ने किया है। 

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महिला पॉलिटिशियन शुक्रिआ बरकजई के अनुसार, जब से महिलाएं घर के बाहर जाने लगती हैं उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। तलिबान हर तरफ महिलाओं पर नजर रखता है। यहां महिलाओं के साथ-साथ छोटी छोटी बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं और बच्चियों को अगवा करके उन्हें सेक्स स्लेव बना दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां एक बेटी के रूप में जन्म लेने का मतलब है नर्क भोगना।

(कुछ दिन पहले तालिबान ने मलीसातान जिले में परिवार के सामने इस महिला की आंखें निकाल लीं हैं।)

शुक्रिआ ने बताया कि हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है। जबकि उन्हें खतरनाक सजा देने के लिए कई तरह के कानून हैं। खुद शुक्रिआ पर भी 2014 में अटैक हुआ था। उन्होंने बताया कि कैसे काबुल में एक महिला की आंखें सिर्फ छोटी सी गलती पर नोच ली गई थी। इसके अलावा बच्चियों को सेक्स स्लेव बनाने के कई केसेस सामने आते हैं।

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अफगानिस्तान में तालिबान घर-घर जाकर बच्चियों को किडनैप करते हैं और इसके बाद उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर प्रेग्नेंट कर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में अपनी बेटियों को बचाने के लिए उन्हें सूटकेस में बंद कर देती हैं।  ताकि तालिबानियों की नजर उनकी बेटी पर नहीं पड़े। तलिबान महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों पर भी क्रूर बर्ताव करते हैं। यहां एक आदमी को सिर्फ इसलिए मार दिया गया था कि वो सरकारी नौकरी करता था।  

अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों में सुधार आ रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह बहुत धीरे-धीरे है। अफगानिस्तान की आबादी लगभग 34 मिलियन है। इनमें से 15 मिलियन पुरुष हैं और 14.2 मिलियन महिलाएं हैं। लगभग 22% अफगान लोग शहरी हैं और शेष 78% ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। अफगानिस्तान में शिक्षा बहुत खराब है। महिलाओं के लिए साक्षरता दर केवल 24.2% है। अफगान में करीब 60% पुरुष और 40% महिलाएं छात्र हैं। 
 

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