सार
अफगानिस्तान में जारी संघर्ष (Afghanistan war) के बीच तालिबान ने भारत को लेकर फैलाई जा रहीं कई अफवाहों को खारिज किया है। तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के विकास में भारत ने जो सहयोग किया; उसका वो स्वागत करता है।
काबुल. अफगानिस्तान में जारी युद्ध दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। तालिबान ने शुक्रवार तक अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से आधे से ज्यादा पर कब्जा कर लिया है। अब वो राजधानी काबुल से महज चंद किमी दूर है। अमेरिका पहले ही कह चुका है कि तालिबान को काबुल तक पहुंचने में 90 दिन से ज्यादा नहीं लगेंगे। इस बीच खबर है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी आज अपने देश को संबोधित कर सकते हैं। हालांकि उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने tweet करके दो टूक कहा कि वो आखिरी दम तक लड़ेंगे। इधर, तालिबान के प्रवक्ता ने ANI को दिए एक इंटरव्यू में भारत को लेकर अपनी स्थिति साफ की है। (फोटो साभार-AFP)
भारत की दरियादिली की तारीफ
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने भारत की दरियादिली पर कहा कि वो अफगानिस्तान में भारत द्वारा किए गए कामों की सराहना करता है। बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और जो कुछ भी अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए भारत की तरफ से किया गया, उसका तालिबान दिल से स्वागत करता है।
गुरुद्वारे से हमने झंडा नहीं हटाया था
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने मीडिया(ANI) को दिए इंटरव्यू में भारत से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। तालिबान प्रवक्ता ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारे( Tahla Sahib) से तालिबान लड़ाकों ने पवित्र निशान यानी झंडा हटा दिया था। तालिबान ने कहा-उस झंडे को सिख समुदाय ने ही हटाया था। जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए, तो उनसे सिख समुदाय ने कहा कि अगर कोई झंडा देखेगा, तो उन्हें परेशान किया जाएगा। लेकिन हमारे लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया और हमने ही फिर से झंडा फहराया।
भारत के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात पर कुछ नहीं बोला तालिबान
तालिबान प्रवक्ता ने कहा-भारतीय प्रतिनिधिमंडल(Indian delegation) के हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने की खबरें थीं, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता। मेरी जानकारी के अनुसार कल दोहा में हमारी एक बैठक थी, जिसमें एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया था, लेकिन अलग से कोई बैठक नहीं हुई।
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किसी भी देश को अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग करने के खिलाफ
तालिबान प्रवक्ता ने कहा-हमारी एक सामान्य नीति है, हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
तालिबान का पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं
तालिबान प्रवक्ता ने साफ कहा कि उनका पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों से कोई गहरा संबंध नहीं है। ये आरोप निराधार हैं। ये राजनीति प्रेरित हैं। तालिबान की ओर से किसी भी देश के दूतावासें और राजनयिकों(Embassies and Diplomats) को कोई खतरा नहीं है।