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दोजख से कम नहीं बचा अफगानिस्तान; जो भारतीय छोड़ना चाहते हैं ये देश, वे तुरंत करें संपर्क
काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व ने दुनियाभर के सामने चिंता पैदा कर दी है। तालिबान जिस तरीके से शासन करता है, वो मानव सभ्यता के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता है। अफगानिस्तान में इस समय नरक से बदतर स्थिति में पहुंच गया है। लोगों के घर बर्बाद हो चुके हैं। न खाने का ठिकाना और न सोने का। ऊपर से मौत का डर अलग से। इस बीच दुनियाभर के देश अपने-अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने में लगे हैं। भारत भी अपने लोगों को अफगानिस्तान से निकाल रहा है। अफगानिस्तान के मजारे-शरीफ स्थित भारत के वाणिज्य दूतावास ने सभी भारतीयों से कहा है कि वे भारत लौट जाएं। इसके लिए आज शाम ही वहां से एक विशेष विमान दिल्ला को निकलेगा। हालांकि जरूरत पड़ने पर फिर से यह सुविधा दी जा सकती है। लोग अपना पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर, एक्सपायरी डेट के साथ इन नंबरों- 0785891303 और 0785891301 नंबर पर वाट्सऐप कर सकते हैं। आइए देखते हैं अफगानिस्तान का दर्द बयां करतीं कुछ तस्वीरें...
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अफगानिस्तान में लश्करगाह नामक जगह से जब ये विस्थापित व्यक्ति दो सप्ताह बाद काबुल पहुंचा। व्यक्ति ने मायूस होकर कहा कि उसे नहीं पता कि उसका घर किसने नष्ट किया, सेना ने या तालिबान ने। उसे बस इतना पता है कि उसने अपना सबकुछ खो दिया है।
(twitter पेज @francesca mannocchi से साभार)
यह तस्वीर उत्तरी प्रांत के लोगों की है, जो तालिबान के डर से भागकर काबुल में शरण लिए हुए हैं। इनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। युद्धग्रस्त देश में इनकी जिंदगी नरक से बदतर हो गई है। न खाने का ठिकाना, न रहने का। उस पर भी कब मौत सिर पर आ टपके कोई नहीं जानता।
फोटो साभार: Pajhwok Afghan News
यह तस्वीर काबुल की है। यहां बचपन जैसे खो गया है। सबको अपनी जिंदगी बचाने की पड़ी है। बच्चे खेलना-कूदना भूल चुके हैं। उकने चेहरे पर अजीब सा डर और उदासी साफ देखी जा सकती है। टूटे-फूटे घरों में दहशत में जी रहे हैं परिवार।
(twitter पेज @francesca mannocchi से साभार)
यह तस्वीर Afghanistan National Defense and Security Forces(ANDSF) द्वारा काबुल प्रांत के शकर दारा जिले में सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान मारे गए एक आतंकवादी की है। इसमें 3 घायल हुए और 3 को पकड़ा गया। अफगानिस्तान से रोज ऐसी कई तस्वीरें सामने आती हैं।
अफगानिस्तान में वर्षों से तालिबान और सरकारी सेना के बीच संघर्ष चला आ रहा है। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान की ताकत बढ़ती जा रही है। धीरे-धीरे वो अफगानिस्तान पर कब्जा करता जा रहा है। तालिबान जिस तरह से शासन करता है, वो सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय है।