
संयुक्त राष्ट्र. चीन द्वारा शिनजियांग प्रांत में बड़ी संख्या में उइगर समुदाय के लोगों को हिरासत में लिए जाने का मामला मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में उठाया गया। जिसमें बीजिंग के मानवाधिकार रिकार्ड की निंदा की गयी है। इसके साथ ही 23 देशों ने एक ब्रिटिश प्रस्ताव का समर्थन भी किया है। ब्रिटेन द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों में अधिकतर पश्चिमी देश है। चीन के सहयोगी देशों ने इसके जवाब में अपना एक बयान भी पेश किया है, जिसे 54 देशों का समर्थन मिला। यह बयान बेलारूस ने पेश किया, जिसमें मानवाधिकार क्षेत्र में चीन की उपलब्धियों की सराहना की गयी है।
आलोचना झेलने वाले देशों ने किया समर्थन
मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर अक्सर आलोचना झेलने वाले देशों ने बेलारूस के बयान का समर्थन किया है। जिसमें पाकिस्तान, रूस, मिस्र, बोलिविया, कांगो व सर्बिया शामिल हैं। इन देशों की उनके मानवाधिकार स्थितियों को लेकर आए दिन आलोचना की जाती रही है।
10 लाख उइगरों को रखा है नजरबंद
चीन के अधिकार समूहों का कहना है कि शिनजियांग में 10 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नजरबंद करके रखा गया है। आपको बता दें कि चीन शुरू में शिविरों के अस्तित्व में होने से इनकार करता रहा। लेकिन अब वह उन शिविरों को व्यावसायिक शिक्षा का केंद्र बताता है, जो धार्मिक उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं। यूएन में ब्रिटेन के बयान में बड़े पैमाने पर उइगरों की नजरबंदी, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं पर रोक लगाने के प्रयास, अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन आदि को लेकर चिंता व्यक्त की गयी थी।
ब्रिटेन के प्रस्ताव का समर्थन इन देशों ने किया समर्थन
यूएन महासभा में चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर ब्रिटेन द्वारा लाए गए प्रस्ताव अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, जापान और न्यूजीलैंड समेत अन्य राष्ट्रों ने समर्थन किया है। इसके बाद बेलारूस ने जवाबी बयान पेश किया। जिसमें उसने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर जवाब दिया। चीन बेलारूस में बड़े पैमाने पर एक औद्योगिक पार्क का निर्माण भी करा रहा है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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