डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मसले पर फिर की मध्यस्थता की पेशकश, कहा- दोनों देशों में स्थिति विस्फोटक

Published : Aug 21, 2019, 09:49 AM ISTUpdated : Aug 21, 2019, 11:14 AM IST
डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मसले पर फिर की मध्यस्थता की पेशकश, कहा- दोनों देशों में स्थिति विस्फोटक

सार

जम्मू कश्मीर मामले पर एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि दोनों देशों में धर्म को लेकर तनाव सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने फिर से मध्यस्थता की पेशकश की। 

वॉशिंगटन. जम्मू कश्मीर मामले पर एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों में धर्म को लेकर तनाव सबसे बड़ी वजह। उन्होंने फिर से मध्यस्थता की पेशकश की । ट्रंप ने कहा  - 'कश्मीर समस्या और वहां तनावपूर्ण स्थिती को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोबारा बात करेंगे। दोनों देशों के नेताओं के बीच इस मसले पर चर्चा ट्रंप जी-7 समिट के दौरान हो सकती है।' 

क्या कहा ट्रंप ने
ट्रंप ने कहा है ' मैं फ्रांस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहूंगा। मैंने इस मसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत की। दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराने को तैयार हूं। उन्होंने कहा - 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। हम दोनों देशों में मध्यस्थता करवाने को तैयार। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मैं मध्यस्थता कर सकूं। अमेरिका से दोनों देशों के संबंध बहुत अच्छे हैं।' उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए शानदार व्यक्तित्व बताया। ' दोनों अपने लोगों से बहुत प्यार भी करते हैं। फिलहाल दोनों के बीच दोस्ती नहीं।'

दोनों देशों में विस्फोटक स्थिती
ट्रंप ने कहा-  'सच कहूं तो, यह एक बहुत ही विस्फोटक स्थिति। कश्मीर समस्या के पीछे धर्म का अहम रोल है। उन्होंने कहा कि वहां पर धर्म एक जटिल समस्या है। दोनों देशों के बीच इस मसले पर सैकड़ों सालों से चर्चा चल रही।  वहां पर हिंदू हैं और मुसलमान भी। दोनों देशों को तय करना क्योंकि दोनों देश लंबे समय से साथ नहीं आए ।'

भारत पहले ही अपना रुख साफ कर चुका है
इससे पहले भारत अपना रुख कश्मीर को लेकर दुनिया के सामने साफ कर चुका है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहा - 'जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मसला और निजी फैसला। पाकिस्तान को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए।' कश्मीर मसले पर भारत सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह इसमें किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप नहीं चाहती।
 

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