ट्रम्प ने छठवीं बार की मध्यस्थता की पेशकश, 'भारत -पाक के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने कुछ भी करेंगे'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक बार फिर यानी यह छठवां मौका है जब कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रम्प ने कहा कि भारत और पाकिस्तान गंभीर रूप से आमने-सामने हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे विवादों को सुलझाने के लिए कुछ भी करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2019 4:54 AM IST / Updated: Sep 26 2019, 12:42 PM IST

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक बार फिर यानी यह छठवां मौका है जब कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रम्प ने कहा कि भारत और पाकिस्तान गंभीर रूप से आमने-सामने हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे विवादों को सुलझाने के लिए कुछ भी करेंगे। बता दें कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से यह ट्रम्प लगातार मध्यस्थता की पेशकश कर रहें हैं। इससे पहले इमरान के साथ सोमवार को हुई मुलाकात के दौरान भी उन्होंने खुद को बेहतर मध्यस्थ बताते हुए कहा था कि भारत-पाक चाहेंगे तो वे मदद के लिए तैयार हैं। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि, "मेरी भारत और पाकिस्तान दोनों से कश्मीर मुद्दे पर बात हुई। विवाद सुलझाने के लिए मैंने उन्हें मध्यस्थता की पेशकश की। मैंने कहा कि मैं कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए कुछ भी करूंगा, क्योंकि दोनों पड़ोसी गंभीर रूप से आमने-सामने हैं। उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द ही बेहतर होगी।"

भारत पहले ही अपना रुख साफ कर चुका है 
कश्मीर मुद्दे को लेकर ट्रम्प लगातार बयान बदलते रहें हैं। इमरान के साथ हुई मुलाकात में उन्होंने कहा था कि यदि भारत और पाकिस्तान दोनों तैयार हों तो वे कश्मीर पर मध्यस्थता करेंगे। हालांकि, अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ट्रम्प ने भरोसा जताते हुए कहा था कि मोदी और इमरान इस मसले को सुलझा सकते हैं। ट्रम्प ने मोदी-इमरान से मुलाकात की अपील करते हुए कहा था कि अगर दोनों एक-दूसरे को जानेंगे तो अच्छे नतीजे सामने आएंगे। बता दें कि भारत कश्मीर को लेकर अपना रुख पहले ही साफ कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-7 समिट में ट्रम्प से मुलाकात कर कश्मीर मुद्दे को द्वीपक्षीय मुद्दा बताते हुए तीसरे देश के हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। 

Share this article
click me!