अमेरिका के टेक्सास में यहूदी धर्मस्थल में चार लोगों को बंधक बनाने के मामले में ब्रिटेन की पुलिस ने दो किशोरों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
लंदन। अमेरिका के टेक्सास में यहूदी धर्मस्थल में चार लोगों को बंधक बनाने के मामले में ब्रिटेन की पुलिस ने दो किशोरों को गिरफ्तार किया है। ब्रिटेन की ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने रविवार को टेक्सास हमले की जांच के तहत दो किशोरों को गिरफ्तार किया। काउंटर टेरर पुलिसिंग नॉर्थ वेस्ट के अधिकारियों ने दोनों को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ की जा रही है।
दरअसल, शनिवार को 44 साल के ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम ने हथियार के बल पर चार लोगों को बंधक बना लिया था। अकरम ने बंधकों को जिंदा छोड़ने के बदले पाकिस्तानी वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी (Pakistani Scientist Aafia Siddiqui) की रिहाई की मांग की थी। आफिया सिद्दीकी लेडी अल-कायदा के नाम से कुख्यात है। उसे 2010 में न्यूयॉर्क सिटी फेडरल कोर्ट ने अमेरिकी सैन्य कर्मियों को मारने के प्रयास के लिए दोषी ठहराया था। वह वर्तमान में फोर्ट वर्थ, टेक्सास के फेडरल मेडिकल सेंटर, कार्सवेल में 86 साल की सजा काट रही है। सिद्दीकी ने अफगानिस्तान में अमेरिकी एजेंटों और सैन्य अधिकारियों को मारने की कोशिश की थी।
यह है मामला
बता दें कि अमेरिका के टेक्सास राज्य के कोलीविल में चार लोगों को बंधक बनाने वाले की पहचान 44 साल के ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम के रूप में हुई थी। अंतिम बंधक के सुरक्षित छुड़ाए जाने के बाद एफबीआई की स्वाट टीम भवन में घुसी और अकरम को मार गिराया। शनिवार को कोलीविल के फोर्ट वर्थ के पास स्थित कॉन्ग्रेगेशन बेथ इजराइल (यहूदी धर्म स्थल) में अकरम ने चार लोगों को बंधक बना लिया था।
अकरम ने खुद को आफिया सिद्दीकी का भाई बताया था। हालांकि, आफिया के भाई ने खुद सामने आकर कहा था कि बंधक बनाने वाला शख्स आफिया का भाई नहीं है। अकरम ने दावा किया था कि उसने कई जगहों पर बम लगाए हैं। उसने अपनी बहन (आफिया सिद्दीकी) से फोन पर बात करने की मांग भी की थी। बंधक संकट करीब 10 घंटे चला। अधिकारियों ने पहले बंधक बनाए गए लोगों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान दिया। अंतिम बंधक के सुरक्षित निकाल लिए जाने के बाद अकरम को मार गिराया गया।
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