
UK train cancellations heat: ब्रिटेन में इस हफ्ते गर्मी का पारा 32°C तक पहुंचने की संभावना है और इसके साथ ही रेल नेटवर्क (UK Rail Network) पर बड़ा दबाव बन गया है। रेल सेवाएं (Train Services) लेट हो रही हैं, कैंसिल हो रही हैं और अगर तापमान और बढ़ा तो पूरा नेटवर्क ठप हो सकता है। सवाल उठता है कि भारत जैसे देश जहां तापमान 45°C तक जाता है, वहां ट्रेनें चलती हैं लेकिन UK में सिर्फ 30-32°C पर क्यों रुक जाती हैं ट्रेने?
Network Rail के मुताबिक, गर्मी में स्टील के रेल ट्रैक (Steel Rail Tracks) बहुत तेजी से फैलते हैं और मोड़ने लगते हैं जिसे 'Buckling' कहते हैं। गर्मी में रेल की पटरियों का तापमान, हवा के तापमान से 20°C ज्यादा हो सकता है। यानी अगर बाहर 32°C है तो ट्रैक का तापमान 52°C तक जा सकता है। जब ट्रैक बहुत ज्यादा फैल जाते हैं तो वो मोड़ने (Curve) लगते हैं और खतरनाक हो जाते हैं।
अगर किसी सेक्शन में ज़्यादा एक्सपैंशन देखा जाता है तो उस रूट पर स्पीड लिमिट लगाई जाती है। धीमी रफ्तार से ट्रेन चलाने से ट्रैक पर दबाव कम पड़ता है, जिससे बकलिंग का खतरा घटता है। लेकिन कई बार ये उपाय भी नाकाम होता है। अगर ट्रैक बकल हो जाए तो पूरा सेक्शन बंद करना पड़ता है और जब तक उसकी मरम्मत न हो, ट्रेन नहीं चलती जिससे Massive Delay और Cancellation होती हैं।
Met Office की रिपोर्ट के मुताबिक, 1960 के मुकाबले आज ब्रिटेन में 40°C तक गर्मी होने की संभावना 20 गुना ज्यादा हो गई है। डॉ. गिलियन के (Dr. Gillian Kay), जिन्होंने Heatwave पर रिसर्च की, उन्होंने कहा: आने वाले 12 वर्षों में 40°C तापमान की 50-50 संभावना है। 2022 की तरह भविष्य में और भी गर्म दिन देखना संभव है।
भारत, UAE, सऊदी अरब जैसे देशों में तापमान 45°C से ऊपर जाता है, लेकिन वहां के रेलवे ट्रैक इस तरह की समस्याओं से नहीं जूझते। इसका कारण है कि थर्मल एक्सपैंशन के हिसाब से डिज़ाइन, बैलास्ट और फास्टनिंग टेक्नोलॉजी, समय-समय पर रेस्ट्रेसिंग और वेल्डिंग टेकनीक्स। हालांकि, UK अब अपने पुराने रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को गर्मी के नए खतरे के लिए तैयार करने की दिशा में सोच रहा है लेकिन इसके लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट और पॉलिसी शिफ्ट ज़रूरी है।
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