
Global Warming 2025: पृथ्वी के बढ़ते तापमान को लेकर वैज्ञानिकों की एक नई रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को परेशान कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मौजूदा हालात जारी रहे तो इंसानियत अगले तीन साल में 1.5°C ग्लोबल वॉर्मिंग की खतरनाक सीमा पार कर सकती है।
60 से अधिक जलवायु वैज्ञानिकों ने यह विश्लेषण किया है कि अब दुनिया के पास केवल 130 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन बजट बचा है। जबकि हर साल हम औसतन 42 बिलियन मीट्रिक टन CO₂ उत्सर्जित कर रहे हैं। इसका मतलब है अगर यही रफ्तार रही तो हम 2027 तक 1.5°C की सीमा पार कर लेंगे।
2015 के पेरिस समझौते में लगभग 200 देशों ने वैश्विक तापमान वृद्धि को 2°C से नीचे और आदर्श रूप से 1.5°C के भीतर रखने का संकल्प लिया था। लेकिन ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि अब यह लक्ष्य तेज़ी से दूर होता जा रहा है।
1900 के बाद से समुद्र का स्तर 228 मिमी तक बढ़ चुका है। यह छोटी संख्या दिखती जरूर है लेकिन इससे तूफान और बाढ़ की तीव्रता कई गुना बढ़ गई है। अमेरिका, चीन, रूस जैसे देशों में फसल पैदावार में 40% तक की गिरावट की आशंका जताई गई है। 2022 में 30% भूमि क्षेत्र सूखे की चपेट में था।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अगर पवन, सौर और हरित ऊर्जा में निवेश बढ़ाया जाए और जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) के इस्तेमाल में कटौती की जाए तो हम अब भी सबसे भयावह परिणामों से बच सकते हैं। 2020 का दशक उत्सर्जन को चरम पर पहुंचाने और फिर घटाने के लिए निर्णायक हो सकता है।
रिपोर्ट के सह-लेखक जोएरी रोजेलज (Joeri Rogelj) ने Live Science को बताया कि हमें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अगले 10 साल तय करेंगे कि 1.5°C का निशान कब और कितनी तेजी से पार होगा।
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