
मास्को। पहली बार ठुकराने के बाद यूक्रेन (Ukraine) ने बेलारूस (Belarus) के प्रस्ताव को मान लिया है। यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधि अब बेलारूस सीमा पर बातचीत करेंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और बेलारूसी नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) के बीच एक फोन कॉल के बाद बातचीत का रास्ता निकल रहा है।
प्रेसिडेंसी के हवाले से एएफपी ने बताया है कि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपने रक्षा प्रमुखों को देश के परमाणु प्रतिरोध बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश भी दिया है। लगभग उसी समय, यूक्रेन ने घोषणा की कि वह बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर रूस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। यह बातचीत चेरनोबिल एक्सक्लूजन जोन के पास होनी तय है।
बेलारूस में मीटिंग के प्रस्ताव को ठुकरा चुका है यूक्रेन
यूक्रेन ने पहले बेलारूस में मीटिंग के मास्को के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद रूस ने सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने की अनुमति दी थी। यूक्रेन ने वारसॉ, ब्रातिस्लावा, बुडापेस्ट, इस्तांबुल और बाकू को किसी भी वार्ता के लिए संभावित वैकल्पिक स्थानों के रूप में प्रस्तावित किया था।
यूक्रेन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी पहुंचा
आक्रमण के चाथे दिन तबाही के बीच अब यूक्रेन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के पास पहुंचा है। हेग स्थित हेडक्वार्टर पहुंचे यूक्रेन ने रूसी सेना द्वारा भारी हमला से हुई तबाही के बारे में जानकारी दी है।
2 लाख शरणार्थियों ने छोड़ा यूक्रेन
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप उच्चायुक्त केली क्लेमेंट्स ने कहा है कि यूक्रेन में संकट जारी रहने के कारण 40 लाख लोग सीमा पार करने की कोशिश कर सकते हैं। 2 लाख शरणार्थियों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। क्लेमेंट्स ने कहा कि 850,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।
क्या है मामला?
रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर हमला शुरू किया था। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बनने की कोशिश है। यूक्रेन का नाटो और यूरोपिय यूनियन से करीबी संबंध है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा, लेकिन अमेरिका ने इससे इनकार कर दिया। रूस यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने को अपनी सुरक्षा के लिए संकट के रूप में देखता है।
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