पिछले 8 महीनों से चल रही यूक्रेन और रूस की जंग के बीच ताकतवर रूस ने यूक्रेन के 4 राज्यों को अपने इलाके में शामिल कर लिया। पुतिन ने जिन शहरों को रूस में मिलाया है, इनके नाम डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया हैं। कुल मिलाकर यूक्रेन की 18% जमीन पर अब रूस की हुकूमत चलेगी।
Ukraine-Russia War: पिछले 8 महीनों से चल रही यूक्रेन और रूस की जंग के बीच ताकतवर रूस ने यूक्रेन के 4 राज्यों को अपने इलाके में शामिल कर लिया। पुतिन ने जिन शहरों को रूस में मिलाया है, इनके नाम डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया हैं। रूसी संसद क्रेमलिन में हुए एक कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इन चारों राज्यों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए। पुतिन ने कहा कि इन चारों शहरों में रहने वाले लोग भी यही चाहते थे। बता दें कि रूस ने इन इलाकों में जनमत संग्रह के बाद ही इन्हें अपनी सीमा में शामिल किया है।
रूस ने क्यों किया यूक्रेन के 4 इलाकों पर कब्जा?
यूक्रेन के 4 हिस्सों को खुद में शामिल कर रूस ने नाटो सेनाओं और पश्चिमी देशों को ये संदेश दिया है कि उसे रोक पाना इतना आसान नहीं है। इसके साथ ही रूस ने अपनी ताकत भी दिखाई है। रूस का कहना है कि अगर इन पर हमला हुआ तो उसे रूस पर हमला माना जाएगा। ऐसे में रूस अपने नागरिकों और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा।
रूस ने कराया था जनमत संग्रह :
रूस ने 23 से 27 सितंबर के बीच डोनेत्स्क, लुहांस्क, जेपोरीजिया और खेरसान में जनमत संग्रह करवाया था। इसके बाद उसका दावा था कि इन चारों इलाकों के ज्यादातर लोगों ने रूस में शामिल होने के लिए वोट किया है। रूसी एजेंसी ने दावा किया कि डोनेत्स्क में 99.2%, लुहांस्क में 98.4%, जेपोरीजिया में 93.1% और खेरसान में 87% लोगों ने रूस में शामिल होने के के पक्ष में वोट डाला है।
8 साल पहले क्रीमिया पर किया था कब्जा :
रूस ने 8 साल पहले, 2014 में इसी तरह क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। 27 फरवरी को रूसी सेना ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद मार्च, 2014 में क्रीमिया में जनमत संग्रह करवाया गया। दावा किया गया था कि इसमें 97% लोगों ने रूस में शामिल होने के पक्ष में वोट किया था। 18 मार्च 2014 को क्रीमिया ऑफिशियली रूस का हिस्सा बन गया। हालांकि, पश्चिमी देशों ने इसका विरोध किया था।
रूस के लिए क्यों अहम हैं ये 4 इलाके?
- रूस के लिए इन चार हिस्सों पर कब्जा करने का सीधा मतलब यूक्रेन की तबाही है। इससे यूक्रेन आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो जाएगा। - बता दें कि डोनेट्स्क एक इंडस्ट्रियल एरिया है, जहां कई खनिज संसाधन हैं। इसी तरह, लुहांस्क भी आर्थिक दृष्टि से काफी मजबूत है।
- इसके अलावा जपोरिजिया से यूरोप में एनर्जी सप्लाई की जाती है। ऐसे में रूसी कब्जा होने के बाद यूक्रेन को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा।
- वहीं, खेरसॉन एक बड़ा शिप मैन्युफैक्चरर है। यहां मर्चेंट शिप, टैंकर, कंटेनर शिप, आइसब्रेकर, आर्किट सप्लाई शिप बनाई जाती हैं। इस हिस्से को रूस में शामिल करके रूस अपनी समुद्री ताकत बढ़ा सकता है।
रूस के फैसले का विरोध :
यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह के नाम पर हुए इस विलय को गलत ठहराया है। जर्मनी की फॉरेन मिनिस्टर एनालेना बेरबॉक ने कहा कि जनमत संग्रह के नाम पर लोगों को बंदूक की नोक पर डराया गया। यह सिर्फ दादागीरी है। वहीं, रूस का कहना है कि हमने 5 दिन जनमत संग्रह कराया। इसके लिए कानूनी रूप से वोटिंग हुई है।