
कीव। यूक्रेन पर रूस (US attacks on Ukraine) के आक्रमण के बाद हर ओर तबाही का मंजर है। सबसे खूबसूरत देशों में शुमार यूक्रेन को रूस तबाह करने पर तुला है। राजधानी कीव विटाली क्लिचको में कुछ ही देर में हुए पांच धमाकों से दहशत है। यह विस्फोट एक पॉवर स्टेशन के पास हुए।
क्या कहा मेयर ने?
यूक्रेन की राजधानी कीव विटाली क्लिचको के मेयर ने शुक्रवार को कहा कि शहर के उत्तर में एक पावर स्टेशन के पास तीन से पांच मिनट के अंतराल में पांच धमाकों की आवाज सुनी गई। उन्होंने कहा कि स्थितियां थोड़ी भयावह लेकिन नियंत्रण में है। इमरजेंसी सर्विस जारी है। धमाकों का पता लगाया जा रहा है।
शहर के आसपास चौकियां और सैन्य अस्थायी ठिकाने बन रहे
उन्होंने कहा कि शहर में पुलों को सुरक्षा और विशेष नियंत्रण में ले लिया गया है, क्योंकि रूसी सैनिक निकट आ रही हैं। जबकि रणनीतिक तौर पर शहर के आसपास विभिन्न जगहों पर चौकियां स्थापित की जा रही हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी दोहराया कि कीव के लिए खतरा टला नहीं है। रात और भवावह होने वाली है। क्योंकि रूस एक बार फिर बमबारी करने वाला है।
पोप ने रूसी आक्रमण की निंदा की
पोप फ्रांसिस ने शुक्रवार को एक रूसी भाषा के ट्वीट में पड़ोसी यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर रूसी आक्रमण के दूसरे दिन संघर्ष की बुराइयों की निंदा की है। पोप ने कहा कि हर युद्ध हमारी दुनिया को पहले से भी बदतर छोड़ देता है। युद्ध राजनीति और मानवता की विफलता है, एक शर्मनाक आत्मसमर्पण, बुराई की ताकतों के सामने एक कड़ी हार है।
कीव पर हमला तेज
शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने हमला तेज किया। मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना ने जमकर बमबारी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित बैन अपर्याप्त हैं। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि अब तक 10 सैन्य अधिकारियों सहित 137 लोग मारे गए हैं और 316 लोग घायल हुए हैं।
सोमवार को रूस ने दो देशों को दी थी मान्यता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इन दोनों को अलग देश के रूप में पुतिन ने मान्यता देते हुए अपने रक्षा मंत्रालय को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का कार्य संभालने का निर्देश दिया।
यह है विवाद की वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
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