सार

शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने हमला तेज किया। मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना ने जमकर बमबारी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित बैन अपर्याप्त हैं।

कीव। यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) का हमला तेज हो गया है। रूस का यूक्रेन पर हमले के दूसरे दिन भी भारी तबाही हुई। यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री हन्ना मलयार ने शुक्रवार को दावा किया कि यूक्रेन के जवाबी हमले में रूसी सेना के 2800 सैनिक मारे गए हैं। रूस के 80 टैंक भी यूक्रेनी सेना ने तबाह किए हैं। रक्षा मंत्री ने दावा किया है कि रूसी सैनिकों ने लगभग 516 बख्तरबंद लड़ाकू वाहन, 10 विमान और सात हेलीकॉप्टर गंवाए हैं। 

गुरुवार को 800 सैनिकों के मारने का यूक्रेन ने किया था दावा

गुरुवार को यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि उसके सशस्त्र बलों ने 800 रूसी सैनिकों को मारा है। मंत्रालय के अनुसार, 30 से अधिक रूसी टैंक, सात रूसी विमान और छह हेलीकॉप्टर नष्ट कर दिए गए। यूक्रेनी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने बताया कि रूसी इकाइयां पर्याप्त नुकसान झेलने के बाद रूसी सीमा की दिशा में युद्ध के मैदान से भाग रही हैं। यूक्रेनी सेना ने बयान के अनुसार शुक्रवार को बेलोवोडस्क क्षेत्र में रूसी सैनिकों के साथ लड़ाई हुई है। 

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, "पर्यावरण संरक्षण एजेंसी सूचित करती है कि शुक्रवार को बेलोवोडस्क क्षेत्र में दोपहर के समय यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सैनिकों के साथ लड़ाई की। हमारी इकाइयों ने आक्रमणकारियों का काफी नुकसान पहुंचाया, जिससे रूसी सैनिक रूस की सीमा की भाग गए। 

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कीव पर हमला तेज

शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने हमला तेज किया। मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना ने जमकर बमबारी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित बैन अपर्याप्त हैं। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि अब तक 10 सैन्य अधिकारियों सहित 137 लोग मारे गए हैं और 316 लोग घायल हुए हैं।

सोमवार को रूस ने दो देशों को दी थी मान्यता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इन दोनों को अलग देश के रूप में पुतिन ने मान्यता देते हुए अपने रक्षा मंत्रालय को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का कार्य संभालने का निर्देश दिया।

यह है विवाद की वजह

रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।

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