
नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia attack on ukraine) के दसवें दिन सुमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों (Sumi State University Indian Students) के लिए भारत सरकार ने एक एडवायजरी जारी की है। इस इमरजेंसी मैसेज में सरकार ने कहा कि छात्रों को घरों, बंकरों या फिर शरणस्थल में ही रहना चाहिए। दरअसल, युद्धग्रस्त सुमी में करीब 700 भारतीय छात्र फंसे हैं, लेकिन यहां से छात्रों को रेल, बस और अन्य परिवहन के साधन नहीं मिल रहे हैं। इनके लिए बसों की व्यवस्था कराना भी संभव नहीं हो रहा है। इसलिए सरकार ने ये सलाह जारी की है।
रूस में छात्रों के लिए भेजी बसेें
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि अन्य जगहों से छात्रों को निकालने के लिए बसों की व्यवस्था की है, लेकिन सुमी की स्थिति मुश्किल भरी है। वहां से सीजफायर के बिना छात्रों को निकालना संभव नहीं दिख रही हैै। इस बीच छात्रों के वीडियो भी सामने आए, जिनमें उन्होंने बताया है कि वो अकेले ही रूसी सीमा की ओर जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दूतावास के अधिकारी लगातार इन छात्रों के संपर्क में हैं। लेकिन जो स्थिति है, उसके हिसाब से उन्हें घरों में रहना चाहिए। सरकार ने रूस और यूक्रेन की सरकार से कई बार संपर्क कर तुरंत ही युद्धविराम लागू करने की मांग की है, ताकि इन भारतीय छात्रों को सुरक्षित रास्ता मिल सके। बताते चलें कि रूस ने आज दो शहरों में सीजफायर पर सहमति दी है, जिससे वहां के स्थानीय लोग शहर छोड़ सकें।
भारी बर्फ के बीच फंसे हैं छात्र
सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी के कैंपस का भी वीडियो सामने आया है। इसमें कई छात्र बर्फ के बीच दिख रहे हैं। तिरंगा लिए ये छात्र मदद की अपील कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि वे सुबह से ही गोलीबारी और बमबारी की आवाजें सुन रहे हैं। डर के बीच हम किसी तरह आगे बढ़ रहे हैं।
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