खतरे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की जान, एक सप्ताह में तीन बार हुई हत्या की कोशिश

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine war) के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की बहादुरी से अपने देश की सेना का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बीच उनकी जान पर खतरा भी मंडरा रहा है। 

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine war) के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की बहादुरी से अपने देश की सेना का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बीच उनकी जान पर खतरा भी मंडरा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक सप्ताह में तीन बार जेलेंस्की की हत्या की कोशिश की गई, लेकिन वह बच गए। 

द टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की तीन हत्या के प्रयासों से बच गए हैं। यूक्रेनी अधिकारियों ने सतर्कता बरत कर हत्या के इन प्रयासों को विफल कर दिया। वैगनर ग्रुप और चेचन विद्रोहियों के दो अलग-अलग समूहों को यूक्रेनी राष्ट्रपति की हत्या के लिए भेजा गया था।

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एफएसबी ने यूक्रेन के अधिकारियों को किया सचेत
द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने यूक्रेन के अधिकारियों को सचेत किया था। कहा गया था कि चेचन विद्रोहियों के विशेष बल को जेलेंस्की को मारने के लिए भेजा गया है। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव के हवाले से कहा कि इन इकाइयों को नष्ट कर दिया गया है।

डेनिलोव ने द पोस्ट को बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहरी इलाके में शनिवार को चेचन विशेष बल के लड़ाके मारे गए। मैं कह सकता हूं कि हमें एफएसबी से जानकारी मिली है। वे आज इस खूनी युद्ध में भाग नहीं लेना चाहते हैं। वहीं, द टाइम्स ने बताया कि खुफिया इनपुट एफएसबी के भीतर युद्ध-विरोधी तत्वों से आए थे। वैगनर ग्रुप के भाड़े के सैनिक इस बात से चिंतित थे कि यूक्रेन के अधिकारियों को उनकी चाल का सटीक अनुमान कैसे लगा। ग्रुप के उच्च रैंकिंग अधिकारी ने कहा कि यह भयानक था कि जेलेंस्की की सुरक्षा टीम को कितनी अच्छी तरह से जानकारी दी गई थी।

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जेलेंस्की ने देश छोड़ने से किया था इनकार
बता दें कि जेलेंस्की ने कहा था कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नंबर वन टारगेट हैं। यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत में अमेरिका ने जेलेंस्की को यूक्रेन से निकालने की पेशकश की था, लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया था। जान बचाकर देश से भागने के बजाय उन्होंने अपने सुरक्षा दस्ते और निकटतम सहयोगियों के साथ रूसी बमबारी के बीच कीव में रहने का विकल्प चुना था।

उनके इस फैसले की फ्रांस समेत कई देशों ने तारीफ की है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जेलेंस्की को "सम्मान, स्वतंत्रता और साहस का चेहरा" कहा था। जेलेंस्की ने कहा है कि उन्हें डर है कि वह रूसी आक्रमण का नंबर एक लक्ष्य हैं।

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