यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में 32 देशों ने मानवाधिकार परिषद में की निंदा, भारत- चीन ने बनाई दूरी

Published : Mar 04, 2022, 06:26 PM IST
यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में 32 देशों ने मानवाधिकार परिषद में की निंदा, भारत- चीन ने बनाई दूरी

सार

UN Human Rights Council Voting news :  यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र में कई बार रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव आ चुका है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) भी इस तरह के प्रस्ताव लाए हैं। हालांकि, भारत का रुख रूस के प्रति तटस्थ रहा है। कई एशियाई और अफ्रीकी देश भी इस मामले में मिलाजुला रुख अपना रहे हैं। 

नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले नौवें दिन भी जारी रहे। रूसी सेना ने यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा केंद्र क्षेत्र में कब्जा कर लिया। इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council) में शुक्रवार को रूस की निंदा वाले एक प्रस्‍ताव से भारत ने एक बार फिर दूरी बनाई। रूस द्वारा यूक्रेन (Russia attack on ukraine) पर लगातार किए जा रहे हमलों के बीच मानवाधिकार उल्लंघन (Human Rights Violation) के चलते यह प्रस्ताव लाया गया था। मानवाधिकार परिषद में 32 सदस्‍यों ने प्रस्‍ताव के पक्ष में वोटिंग की। इधर, भारत सहित 13 देशों ने इस वोटिंग में हिस्‍सा नहीं लिया। दो देशों ने प्रस्‍ताव के खिलाफ वोट किया। 32 सदस्यों की मुहर के बाद मानवाधिकार उल्‍लंघनों की जांच के लिए एक तीन सदस्‍यीय जांच आयोग का गठन करने पर सहमति बनी। 

हमलों पर भारत का रुख तटस्थ
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र में कई बार रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव आ चुका है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) भी इस तरह के प्रस्ताव लाए हैं। हालांकि, भारत ने स मामले में खुद को तटस्थ रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से हमले के दिन ही बात की थी और हिंसा रोकने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने इस मामले पर अपना रुख तटस्थ रखा है। 

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रूस ने कहा- नागरकों को नहीं बना रहे निशाना
इधर, मानवाधिकार के आरोपों के बीच रूस का कहना है कि उसने यूक्रेन में नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है। रूसी प्रतिनिधि एवगेनी उस्तीनोव ने परिषद को बताया कि हमने सिर्फ सैन्य शिविरों को निशाना बनाया है। शुक्रवार को मानवाधिकार परिषद में हुई वोटिंग के दौरान रूस और इरिट्रिया ने प्रस्ताव का विरोध किया। चीन ने भी वोटिंग में हिस्‍सा नहीं लिया। बताते चलें कि रूस के हमले के मु्द्दे पर एशियाई और अफ्रीकी देशों का मिलाजुला रुख सामने आया है। 

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