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रूस - यूक्रेन युद्ध के बीच वायरल हुईं फर्जी तस्वीरें और वीडियो, जानें इनके दावों और हकीकत में कितना अंतर
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एक फूड ट्रक की तस्वीर सोशल मीडिया पोस्ट में हजारों बार शेयर की गई। इसमें दावा किया गया था कि यह सिख समुदाय लागों को युद्धग्रस्त यूक्रेन में मुफ्त भोजन मुहैया करा रहा है। लेकिन यह तस्वीर कनाडा की थी। इसे गलत तरह से प्रसारित किया जा रहा था। हालांकि, यूक्रेन के रोमानिया बॉर्डर पर जरूर गुरुद्वारा कमेटी द्वारा मुफ्त भोजन मुहैया कराया जा रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की का एक फोटो वारयल हुआ। इसमें वे आर्मी की ड्रेस और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए हथियारों के साथ दिख रहे हैं। इस तस्वीर के साथ कहा जा रहा था कि जेलेंस्की यूक्रेन को बचाने खुद युद्ध के मैदान में उतर पड़े हैं। लेकिन यह फोटो अप्रैल 2021 में यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में ली गई थी। इस फोटो में वे एक मिलिट्री विजिट में पहुंचे थे।
युद्ध के दौरान एक मिसाइल की फोटो शेयर कर बताया गया कि यह रूस की परमाणु मिसाइल Satan 2 है। यह दुनिया में सांस लेने वाली हर चीज को नष्ट करने में सक्षम है। इसे 34 हजार से ज्यादा बार शेयर किया गया, लेकिन हकीकत ये है कि यह तस्वीर रूस की परमाणु मिसाइल नहीं है। यही नहीं इसे जो मिसाइल बताया जा रहा था वह अभी बनी ही नहीं है।
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में नागरिकों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया था। सोशल मीडिया पोस्ट में एक वीडियो को हजारों बार देखा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि एक यूक्रेनी रिपोर्टर एक लाइव प्रसारण में नकली युद्ध हताहतों को दिखा राह है। दरअसल, यह फोटो ऑस्ट्रिया में जलवायु परिवर्तन के विरोध प्रदर्शन का था। यूक्रेन में हमले के कई हफ्ते पहले यह बना था, लेकिन यूक्रेन हमलों के बीच इसे वायरल कर यूक्रेन में मौतों की बढ़ती संख्या दिखा दी गई।
एक अन्य वीडियो सामने आया, जिसमें एक हवाई हमला दिखाया गया है। कहा जा रहा था कि यूक्रेन ड्रोन ने रशिया के टैंक खत्म कर दिए। इस फुटेज को फेसबुक पर अंग्रेजी, तुर्की और स्पैनिश सहित अन्य भाषाओं में भी हजारों बार देखा गया। यह फुटेज 3 मार्च 2020 का है, जो सीरियाई बलों पर तुर्की के हमले के दौरान का है।